नई दिल्ली
बिजली वितरण कंपनी टाटा पावर ने कहा कि विद्युत अपीलीय न्यायाधिकरण (एपीटीईएल) के अंतरिम आदेश के बाद मुंबई में उसके 7.5 लाख उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों में कटौती हो जाएगी।
महाराष्ट्र बिजली नियामकीय आयोग (एमईआरसी) ने बिजली दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मार्च में मंजूरी दी थी। इसके खिलाफ टाटा पावर ने एपीटीईएल में अपील की थी। वहां से एमईआरसी के फैसले पर स्थगन आदेश दे दिया गया है।
टाटा पावर ने एक बयान में कहा, ‘एपीटीईएल के आज पारित आदेश में एमईआरसी के बिजली दरें बढ़ाने के फैसले पर रोक लगा दी गई है। इस स्थिति में कंपनी की तरफ से 31 मार्च, 2020 को सुझाई गई दरें ही एक बार फिर लागू हो गई हैं।’
कंपनी के मुताबिक, यह शुल्क मौजूदा बिजली दरों की तुलना में 25-35 प्रतिशत तक कम है और इससे मुंबई के करीब 7.5 लाख उपभोक्ताओं को फायदा होगा।
टाटा पावर के अध्यक्ष (पारेषण एवं वितरण) संजय बंगा ने कहा, ‘हम सुनिश्चित करेंगे कि अपीलीय न्यायाधिकरण से मिली राहत का लाभ अपने उपभोक्ताओं तक पहुंचाएं। यह परिचालन में किफायत और निष्पक्षता के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।’
जून में थोक मुद्रास्फीति दर में 4.12 प्रतिशत की गिरावट
नई दिल्ली
खाद्य, ईंधन एवं विनिर्मित उत्पादों की कीमतें कम होने से जून में थोक मुद्रास्फीति की दर में 4.12 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े जारी करते हुए यह जानकारी दी।
इसके पहले मई में थोक मुद्रास्फीति दर में 3.48 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जून में खाद्य उत्पादों की मुद्रास्फीति दर में 1.24 प्रतिशत की गिरावट रही जबकि मई में इसमें 1.59 प्रतिशत की नकारात्मक वृद्धि हुई थी।
ईंधन एवं बिजली खंड की मुद्रास्फीति जून में 12.63 प्रतिशत घट गई जबकि मई में इसमें 9.17 प्रतिशत की कमी आई थी।
समीक्षाधीन अवधि में विनिर्मित उत्पादों की थोक मुद्रास्फीति में 2.71 प्रतिशत की गिरावट आई जबकि मई में यह 2.97 प्रतिशत घटी थी।
मंत्रालय ने विज्ञप्ति में कहा कि जून के महीने में थोक मुद्रास्फीति की दर में गिरावट आने का मुख्य कारण खनिज तेल, खाद्य उत्पादों, मूल धातुओं, कच्चे तेल एवं प्राकृतिक गैस और कपड़ों की कीमतों में आई कमी है।