नई दिल्ली
उत्तर पश्चिम क्षेत्र में भारी बारिश से मची तबाही के पीछे वैज्ञानिक जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार मानते हैं। उनका मानना है कि इस साल शुरू से ही चरम मौसमी घटनाओं में बढ़ोतरी देखी गई है। स्काइमेट वेदर में मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन विभाग के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने कहा कि अत्यधिक भारी बारिश का चल रहा दौर तीन मौसम प्रणालियों के एक साथ होने का नतीजा है।
उन्होंने बताया कि ये तीन प्रणालियां हैं पश्चिमी हिमालय पर पश्चिमी विक्षोभ, उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों पर चक्रवाती परिस्थितियां और गंगा के मैदानी इलाकों में चलने वाली मॉनसून की धुरी रेखा। ये पहली बार नहीं मिल रहे हैं। मॉनसून के दौरान यह एक सामान्य पैटर्न है, लेकिन अब ग्लोबल वार्मिंग के चलते मॉनसून के पैटर्न में बदलाव से फर्क पड़ा है। भूमि और समुद्र दोनों के तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे हवा में लंबे समय तक नमी बनाए रखने की क्षमता बढ़ गई है। इस प्रकार भारत में बढ़ती चरम मौसम की घटनाओं में जलवायु परिवर्तन की भूमिका हर गुजरते साल के साथ मजबूत होती जा रही है।
इस साल की शुरुआत अगर सर्दी की जगह अधिक गर्मी के साथ हुई, तो फरवरी में तापमान ने 123 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। आगे पूर्वी और मध्य भारत में अप्रैल और जून में उमस भरी गर्मी की संभावना जलवायु परिवर्तन के कारण 30 गुना अधिक हो गई थी। उसी दौरान चक्रवात बिपरजॉय अरब सागर में 13 दिनों तक सक्रिय रहा और लगभग दो हफ्तों की इस सक्रियता के चलते साल 1977 के बाद सबसे लंबी अवधि का चक्रवात बन गया।
2023 अनोखा वर्ष रहा
आईआईटी-बॉम्बे में पृथ्वी प्रणाली वैज्ञानिक और विजिटिंग प्रोफेसर डॉ. रघु मुर्तुगुड्डे बताते हैं यूं तो पहले भी चरम मौसम की घटनाएं हुई हैं, लेकिन 2023 एक अनोखा वर्ष रहा है। इन घटनाओं में ग्लोबल वार्मिंग महत्वपूर्ण योगदान तो दे ही रही है, लेकिन कुछ दूसरी वजह भी हैं।
1. सबसे पहली वजह है कि अल नीनो ने आकार ले लिया है और यह वैश्विक तापमान को बढ़ा रहा है।
2. दूसरी वजह है जंगल की आग, जो कि इस बार तीन गुना बड़े क्षेत्रों में लगी है। इसका मतलब वायुमंडल में भी जंगल की आग से तीन गुना कार्बन उत्सर्जित हो रहा है और जमा हो रहा है।
3. तीसरी वजह है उत्तरी अटलांटिक महासागर का गर्म अवस्था में होना।
4. चौथा कारण है जनवरी के बाद से अरब सागर असाधारण रूप से गर्म हो गया है, जिससे उत्तर, उत्तर-पश्चिम भारत में अधिक नमी आ गई है।
5. पांचवीं वजह है ऊपरी वायुमंडल में हवा का बदला हुआ सर्क्युलेशन, जिसके चलते धरती की सतह के ठीक ऊपर के सर्क्युलेशन पर असर डाल रहा है। इसके चलते उत्तर और मध्य भारत में बारिश भीषण बारिश हो रही है।