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रूस से युद्ध के बीच NATO में शामिल होने को तैयार यूक्रेन, 31 देशों का समर्थन

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रूस
लिथुआनिया की राजधानी विलनियस में उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (NATO) का दो दिवसीय शिखर सम्मेलन मंगलवार से शुरू होने वाला है। इससे पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा है कीव भी आधिकारिक रूप से संगठन में शामिल होना चाहता है यह उसका हिस्सा होगा। उन्होंने कहा, इसकी पुष्टि के लिए हम अब घोषणा पर काम कर रहे हैं लेकिन यह तय है कि यूक्रेन NATO में शामिल होगा।

जेलेंस्की ने कहा कि अप्रत्यक्ष रूप से यूक्रेन अभी भी नाटो का हिस्सा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन जेलेंस्की से मुलाकात करेंगे। हालांकि इस सम्मलेन से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि युद्ध से तबाह यूक्रेन अभी नाटो में शामिल होने के लिए तैयार नहीं है। हालांकि, बाइडेन ने इस बात पर भी जोर दिया कि अमेरिका और अन्य सहयोगी यूक्रेनी बलों को रूस-यूक्रेन युद्ध के लिए आवश्यक सुरक्षा और हथियार प्रदान करना जारी रखेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति विनियस में रवाना होने से पहले एक साक्षात्कार में यह बातें कहीं। बता दें, दुनिया के सबसे बड़े सुरक्षा गठबंधन में शामिल होने के लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमिर जेलेंस्की लगातार जोर दे रहे हैं।

तर्कसंगत रास्ता तैयार करना होगा
बाइडन ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि युद्ध के बीच नाटो में इस बात पर एकमत हैं कि यूक्रेन को परिवार में शामिल किया जाए या नहीं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने उदाहरण दिया कि यदि आपने ऐसा किया तो इसका मतलब है कि हम नाटो क्षेत्र के हर इंच के लिए प्रतिबद्ध हैं। यदि यूक्रेन को शामिल करते हैं तो युद्ध के बीच हम सभी भी युद्ध में होंगे। अगर ऐसा होता है तो रूस से युद्ध लड़ना पड़ेगा। बाइडन ने कहा, हमें यूक्रेन को नाटो में शामिल होने के योग्य बनाने के लिए एक तर्कसंगत रास्ता तैयार करना होगा।

सम्मेलन यूक्रेन-रूस युद्ध पर रहेगा केंद्रित
विलनियस में होने वाले सम्मेलन में प्रमुख मुद्दा यूक्रे-रूस युद्ध रहने की संभावना है। संगठन के 31 देश पहले ही कह चुके हैं कि वे कीव को लंबे समय के लिए समर्थन देने को तैयार हैं। इस सम्मेलन में नाटो-यूक्रेन काउंसिल के नए संबंधों को भी शामिल करने की चर्चा है। संगठन का मानना है कि इस गठबंधन से यूक्रेन में सुरक्षा संबंधी पहलू मजबूत होंगे।

स्वीडन को करना पड़ रहा संघर्ष
नाटो की सदस्यता लेने के लिए यूरोपीय देश स्वीडन को संघर्ष करना पड़ रहा है। दुनिया के सबसे बड़े सुरक्षा गठबंधन का 32वां सदस्य स्वीडन को बनाने के खिलाफ तुर्किये है। ऐसे में इस बैठक में सभी की नजरें तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन पर होगी। सोमवार को उन्हें स्वीडश प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन से मुलाकात करना है। दरअसल, तुर्किये का मानना है कि स्वीडन और फिनलैंड कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी और गेलन आंदोलन के सदस्यों को शरण देता है। लिहाज, वह स्वीडन को सदस्यता देने के खिलाफ है।

यूरोपीय देश तुर्किये के लिए रास्ता खोलें, तब स्वीडन पर विचार
तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने कहा कि यदि यूरोपीय देश, यूरोपीय संघ (ईयू) में तुर्किये के शामिल होने की कोशिश के लिए रास्ता खोल दें तो उनका देश स्वीडन की नाटो में सदस्यता को स्वीकृति दे सकता है। तुर्किये ने स्वीडन की नाटो सदस्यता के लिए अभी अंतिम स्वीकृति नहीं दी है।

उ. कोरिया के परमाणु कार्यक्रमों को रोकने पर करेंगे चर्चा
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक येओल ने कहा कि उत्तर कोरिया की परमाणु महत्वाकांक्षाओं को रोकने के लिए मजबूत अंतरराष्ट्रीय संकल्प को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करने का समय आ गया है। उनकी नाटो के नेताओं के साथ उत्तर कोरिया के बढ़ते हथियारों के भंडार से निपटने के तरीके पर चर्चा करने की योजना है। यूं सुक येओल विलनियस में शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।

नाटो में शामिल देश तुर्किये, ब्रिटेन, अमेरिका, अल्बानिया, बुल्गारिया, बेल्जियम, कनाडा, ओटावा, क्रोएशिया, चेक रिपब्लिक, एस्तोनिया, डेनमार्क, जर्मनी, फ्रांस, हंगरी, आइसलैंड, यूनान, इटली, लातविया, लिथुआनिया, लक्जमबर्ग, पुर्तगाल, रोमानिया, स्लोवाकिया, मोंटेनेग्रो, नीदरलैंड, उत्तर मैसेडोनिया, नॉर्वे, पोलैंड, स्लोवेनिया, स्पेन और फिनलैंड। (एजेंसियों से इनपुट्स के साथ)