Home छत्तीसगढ़ धागाकरण कार्य से सुनिता की आर्थिक स्थिति हुई मजबूत

धागाकरण कार्य से सुनिता की आर्थिक स्थिति हुई मजबूत

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जशपुरनगर

जशपुर जिला टसर कोसा उत्पादन कार्य में अग्रणी जिला के नाम पर उभर कर आया है यहॉ प्रतिवर्ष लगभग 1 करोड़ पालित प्रजाति का कोसा उत्पादन जिले के विभिन्न क्षेत्रों के हितग्राही के द्वारा उत्पादन किया जाता है तथा ककून बैंक के माध्यम से उक्त कोसा को क्रय किया जाता है।

विगत 05 वर्ष पहले जशपुर के अंतर्गत ग्राम कुन्जारा तहसील कुनकुरी में महिलाओं के उत्थान हेतु सहायक संचालक रेश जशपुर के मार्गदर्शन पर टसर धागाकरण प्रशिक्षण इकाई स्थापित किया गया जिससे ग्राम कुन्जारा के अन्तर्गत आने वाले वनांचलों में बसे आश्रित ग्राम के महिलाओं को टसर धागाकरण प्रशिक्षण प्रदाय कर धागाकरण कार्य प्रारम्भ कराया गया जिसमें कई गरीब परिवार के महिलाऐं जो आज अपने आर्थिक स्थिति सुधार कर अपना जीवन यापन अच्छे तरीके से कर रहे है। इनके द्वारा समूह बनाकर धागाकरण कार्य किया जाता है। वर्ष 2015-16 ग्राम कुन्जारा के महिलाओं द्वारा 20-25 के संख्या में समूह का स्थापना किया। जिससे कई महिलाओं ने अपना आर्थिक स्थिति में सुधार किया इसी से रूझान होकर आज 50-60 महिलाऐं समूह में सक्रिय हैं।

कुनकुरी विकासखण्ड के ग्राम कंजारा निवासी श्रीमति सुनिता बाई जिसका आर्थिक स्थिति अति दयनीय था जिनको दो वक्त की भोजन के लिए सोचना पड़ता था। इन्होने समूह में जुड़कर धागारण कार्य प्रारम्भ किया और धागाकरण कार्य से प्रभावित हुई। इसके बाद लगातार धागाकरण का कार्य करती रही और आज उसका फल उन्हें प्राप्त हो रहा है। धागाकरण कार्य से अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार कर आपना सपनों को साकार कर रही है अपने एवं परिवार का पालन पोषण कर रही है। इस वित्तीय वर्ष 2022-23 में 25500 नग कोसाफल का उपयोग कर 25.50 किलोग्राम धागा उत्पादन किया। जिससे लगभग राशि 1 लाख 7 हजार 100 रुपए प्राप्त हुआ ।

श्रीमति सुनिता ने बताया कि रेशम विभाग के धागाकरण योजना से जुड़कर मेरा एंव मेरे परिवार का भलाई हो गया। जिससे छोटी-मोटी जरूरतों को पुरा कर पाती हूँ इस कार्य में मेरे पति का भी सहयोग रहा है जिन्होंने मेरे इस कार्य मे हमेशा साथ दिया। उन्होंने जिला प्रशासन और रेशम विभाग के अधिकारियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस योजना से गरीब परिवार के महिलाओं को जोडकर गरीबी दूर करने में अथक प्रयास किया। जिससे हम जैसे महिलाएं आत्मनिर्भर बन पा रहे हैं। रेशन विभाग के अधिकारी समय-समय पर जिला अधिकारी को मार्गदर्शन दे कर धागाकरण पर आने वाली समस्याओं को निदान कराते है।