Home मध्यप्रदेश सीधी भर्ती के पुलिस अफसर का समयमान वेतनमान अटका, DGP की नाराजगी...

सीधी भर्ती के पुलिस अफसर का समयमान वेतनमान अटका, DGP की नाराजगी के बाद PHQ हुआ एक्टिव

2

भोपाल

पुलिस मुख्यालय द्वारा लगभग 9 महीने पहले जारी निर्देश का पालन पुलिस इकाईयां नहीं कर रही हैं। इसके चलते सीधी भर्ती के पुलिस अफसर और कर्मचारियों को समय पर समयमान वेतनमान स्वीकृत नहीं हो पा रहा है। अब दस दिन के भीतर सभी को इकाईयों को इस संबंध में कार्यवाही करना है और पुलिस मुख्यालय को प्रतिवेतन प्रस्तुत कर इसकी पूरी जानकारी देना है।

पुलिस की सीधी भर्ती के सभी संवर्ग के सदस्यों को समयमान वेतनमान देने की कार्यवाही उस संवर्ग के सीधी भर्ती के पद पर नियुक्तिकर्ता अधिकारी की अध्यक्षता में रेंज स्तरीय समिति द्वारा किए जाने का प्रावधान 2015 में किया गया था। इस प्रावधान के बाद पिछले साल सितम्बर में जब पुलिस मुख्यालय में इसकी समीक्षा हुई तो पता चला कि इन अधिकारियों-कर्मचारियों को समयमान वेतनमान दिए जाने की समयावधि पूरी हो जाने के बाद भी उन्हें नहीं मिल पा रहा है। पुलिस मुख्यालय ने पाया कि इसमें खासे विलंब से यह प्रक्रिया पूरी की जा रही है। जिसमें संबंधित अधिकारी-कर्मचारियों को लंबे समय तक इसकी प्रतीक्षा करना पड़ती है।

इसमें यह भी पाया गया कि किसी अधिकारी या कर्मचारी का इस बीच तबादला किसी अन्य जिले या इकाई में हो जाता है, तब ऐसी स्थिति में यह समस्या बढ़ जाती है। नियम समय पर समयमान-वेतनमान नहीं मिलने पर नहीं जगह पर पदस्थापना के बाद ऐसे अधिकारी और कर्मचारियों के प्रकरण उनकी पूर्व की पदस्थापना वाली इकाई में भेजना पड़ती है। इस प्रक्रिया के चलते भी इन्हें लंबा इंतजार करना पड़ता है। इसके चलते सभी को यह निर्देश दिए गए थे कि समयमान वेतनमान की पात्रता पूर्ण होते ही इसकी प्रक्रिया शुरू की जाए। इस 9 महीने पुराने आदेश के बाद भी अब भी ऐसे कई प्रकरण आ रहे हैं जिसमें अफसरों और कर्मचारियों को पात्रता के बाद भी लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। ऐसे में पुलिस मुख्यालय ने सभी इकाईयों से इस संबंध में दस दिन के भीतर प्रतिवेदन मांगा है।

डीजीपी ने जताई थी नाराजगी
बताया जाता है कि इस मामले में पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना ने नाराजगी जताई थी। इसके बाद ही पुलिस मुख्यालय सक्रिय हुआ है। इस संबंध में करीब आठ साल पहले एक आदेश जारी हुआ था, जिस पर पालन नहीं हो रहा था। इसके बाद जब डीजीपी तक यह जानकारी पहुंची कि समयमान-वेतनमान का प्रक्रिया हर इकाई में सुस्त चाल से चल रही है, तो उन्होंने इस पर नाराजगी जताते हुए प्रशासन शाखा के अफसरों से सभी इकाईयों को निर्देश देने का कहा था। जिस पर पिछले साल सितम्बर में सभी इकाईयों को इस तत्काल कार्यवाही करते हुए देरी नहीं करने के निर्देश दिए गए थे। डीजीपी को फिर यह पता चला कि इस आदेश के बाद भी कुछ इकाईयों में यह काम सुस्त चाल से ही चल रहा है। इस पर फिर से डीजीपी ने नाराजगी जताई और प्रशासन शाखा  को जुलाई महीने में ही समयमान-वेतनमान की प्रक्रिया की लेट लतीफी दूर करने के निर्देश दिए।