शहडोल
सोहागपुर क्षेत्र के अंतर्गत अमलाई खुली खदान में ओबी हटाने का कार्य एसईसीएल प्रबंधन द्वारा चेन्नई राधा इंजीनियरिंग नामक कंपनी को प्रदाय किया गया है कंपनी के कार्य को देख रहे हरपाल सिंह नामक व्यक्ति द्वारा सीएसआर मद से कार्य कराने के लिए वाहवाही लूटी जा रही है जबकि यदि धरातल पर देखा जाए तो उनके द्वारा किए गए कार्य कहीं भी दिखाई नहीं पड़ रहे हैं उनके द्वारा दावा किया गया कि हमारे द्वारा वृक्षारोपण कराया गया है
लेकिन जब कंपनी के कैंटीन के पास वृक्षारोपण स्थल पर जाकर देखा गया तो पता चला कि सिर्फ चार से पांच पौधे ही लगाए गए हैं और वह भी पौधे मृत पाए गए हैं और देखरेख के अभाव में मर चुके हैं सीएसआर मद से कंपनी को स्वास्थ्य सड़क एवं शिक्षा पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए लेकिन चेन्नई राधा इंजीनियरिंग कंपनी द्वारा ऐसे किसी भी प्रकार के कार्य नहीं कराए गए हैं
जो कि सामुदायिक विकास मद से होना चाहिए बताया जाता है कि जबसे कंपनी का कार्य हरपाल नामक व्यक्ति द्वारा देखा जा रहा है तब से मजदूरों की परेशानी भी बढ़ गई है नियम के अनुसार मजदूरों को वेतन भुगतान भी नहीं किया जा रहा है जिस स्थल पर कंपनी का साइट बना हुआ है वहां केमिकल युक्त डीजल ऑयल पूरी भूमि पर दिखाई पड़ता है जिससे भूमि भी बंजर हो रही है जबकि अमलाई ओसीएम में पूर्व में ढोलू नामक कंपनी द्वारा कार्यस्थल कार्यस्थल पर वृक्षारोपण कराया गया था और वहीं पर अभी भी वह वृक्ष लहलहा रहे हैं जबकि साइड स्थल पर एक पौधा भी चेन्नई राधा इंजीनियरिंग द्वारा नहीं लगाया गया है।
मजदूरों का हो रहा शोषण।
चेन्नई राधा इंजीनियरिंग द्वारा कंपनी में कार्यरत मजदूरों का शोषण किया जा रहा है और स्थानीय मजदूरों को नियम के अनुसार नौकरी में भी नहीं रखा गया है जब स्थानीय बाशिंदे नौकरी हेतु अप्लाई करते हैं तो हरपाल नामक व्यक्ति द्वारा उन्हें गुमराह किया जाता है और कहा जाता है कि हमारे पास मजदूरों की कमी नहीं है|ओबी हटाने के कार्य में जो भी चालक या अन्य कर्मचारी लगे हैं उन्हें जोखिम भरा कार्य करना पड़ता है लेकिन जोखिम भरा कार्य करने के बाद भी उन्हें एसईसीएल द्वारा निर्धारित वेतन का भुगतान भी नहीं किया जाता है इस संबंध में एसईसीएल के अधिकारियों का ध्यान भी जाना चाहिए लेकिन अधिकारियों एवं कंपनी के कर्मचारियों की मिलीभगत से मजदूरों का शोषण रुकने का नाम नहीं ले रहा है।
दस्तावेज की होनी चाहिए जांच।
जानकार सूत्र बताते हैं कि राधा चेन्नई इंजीनियरिंग की जितनी भी गाड़ियां कोल माइंस के अंदर चलती है वह भी मिट्टी हटाने के लिए लगी है उन सभी गाड़ियों का भी दस्तावेज पूरा नहीं है क्योंकि युक्त गाड़ी खदान परिसर के अंदर ही चलती हैं जिसके कारण परिवहन विभाग के अधिकारी भी वहां नहीं पहुंच पाते हैं जिसका पूरा फायदा कंपनी के अधिकारी उठा रहे हैं जबकि समय-समय पर परिवहन विभाग के अधिकारियों द्वारा सभी गाड़ियों के कागजातों की जांच की जानी चाहिए किंतु आरटीओ विभाग के उदासीनता के चलते राजस्व की हानि हो रही है और राधा चेन्नई एवं एसईसीएल उसी राजस्व के पैसे से अपनी जेब गर्म करते हैं बताया जाता है कि एसीसीएल प्रबंधक एवं राधा चेन्नई की सांठगांठ से यह सारा कारोबार फल फूल रहा है