न्यूयॉर्क
अमेरिका में रह रहे खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने दावा किया है कि वह अभी जिंदा है। इससे पहले सिख फॉर जस्टिस के संस्थापक पन्नू के कार हादसे में मारे जाने की खबरें आई थीं। अब पन्नू ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर से एक वीडियो जारी करके कार हादसे की सभी अटकलों को खारिज किया है। उसने दावा किया है कि इस वीडियो को कल यानि 5 जुलाई को ही शूट किया गया है। यही नहीं आतंकी पन्नू ने एक बार फिर से कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन में भारतीय राजनयिकों को धमकी दी है।
15 अगस्त को सिख समुदाय के लोग भारतीय दूतावासों को घेराव करेंगे। गुरपतवंत सिंह ने न्यूयॉर्क में स्थित यूएन मुख्यालय के बाहर से वीडियो स्टेटमेंट जारी किया है। उसका दावा है कि यह बयान 5 जुलाई को ही जारी हुआ है।
गुरपतवंत सिंह के धमकी वाले वीडियो को नए-नए बनाए गए अकाउंट्स से शेयर किया जा रहा है। ये खाते पाकिस्तान समर्थक हैं। भारत ने इस मसले को कनाडा के सामने भी उठाया है। यही नहीं कनाडा के उच्चायुक्त को भी भारत ने तलब करके खालिस्तानियों की हरकतों पर चिंता जताई है। खालिस्तानियों ने ऐलान किया है कि वे 8 जुलाई को कनाडा में किल इंडिया रैली निकालेंगे। इस दौरान उन्होंने भारतीय दूतावासों तक मार्च करने की धमकी दी है। ऐसा ही प्रदर्शन इन लोगों ने लंदन में भी करने की तैयारी की है। हालांकि कनाडा सरकार ने कहा कि ऐसा कोई भी कार्यक्रम नहीं होने दिया जाएगा। हम भारत की चिंताओं से अवगत हैं।
नज्जर की हत्या के बाद छिपे फिर रहे हैं खालिस्तानी आतंकी
दरअसल, आतंकी नज्जर की हत्या के बाद खालिस्तानी आतंकी दहशत में आ गए हैं और छिपे हुए फिर रहे हैं। पन्नू भी पिछले कई दिनों से दिखाई नहीं दिया था। अब उसके मौत की अफवाह के बाद वह सामने आया है और वीडियो जारी करके एक बार फिर से भारत और भारतीय राजनयिकों को गीदड़भभकी दी है। इससे पहले सोशल मीडिया में अफवाह फैल गया था कि पन्नू अमेरिका में एक सड़क सड़क हादसे में मारा गया है। हालांकि आधिकारिक सूत्रों ने भी इसे तुरंत खारिज कर दिया था।
इससे पहले खालसा टुडे के संपादक सुखी चहल ने भी पन्नू की मौत की खबर को खारिज किया था। उन्होंने कहा कि कैलिफोर्निया में पन्नू की कार के हादसे की खबर फर्जी है। उन्होंने कहा कि लोग फर्जी सूचना फैलाने से परहेज करें। पन्नू को साल 2020 में भारत सरकार ने आतंकी घोषित किया था। पन्नू पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का पिट्ठू है और अक्सर भारत के विरोध में धमकीभरे बयान देता रहता है। वह दुनिया के कई देशों में खालिस्तान को लेकर जनमत संग्रह करा रहा है।