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त्रिपुरा रथ त्रासदी में मृतकों की संख्या आठ हुई

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अगरतला
 त्रिपुरा रथ दुर्घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है। पुलिस ने बुधवार को कहा कि गंभीर रूप से बीमार गृहिणी रत्ना धर की मंगलवार रात अगरतला सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मौत के साथ रथ हादसे में मरने वालों की संख्या आठ हो गई। पुलिस ने कहा, "वह उन तीन लोगों में से हैं, जिन्हें गंभीर चोटें आईं और उन्हें अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई में निगरानी में रखा गया।

 आखिरकार, एक सप्ताह की लड़ाई के बाद उन्होंने दम तोड़ दिया।" इस बीच जुलूस के आयोजक इस्कॉन के सदस्यों ने पीड़ित परिवारों से कुमारघाट में मुलाकात की। उन्होंने मृतकों के परिजनों को एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी और कहा कि वे घायल परिवारों को सहायता प्रदान करेंगे। उल्लेखनीय है कि उनोकोटी जिले के कुमारघाट में 28 जून को भगवान जगन्नाथ की वापसी के प्रतीक फेरा रथ के जुलूस के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग पर हाई-वोल्टेज बिजली लाइन को छूते हुए एक रथ में आग लगने से तीन बच्चों सहित कम से कम सात लोगों की मौके पर ही मौत हो गई और 20 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।

 

 

त्रिपुरा में सभी सरकारी नौकरियों के लिए पीआरटीसी अनिवार्य

अगरतला,
 त्रिपुरा सरकार ने  राज्य सरकारों, सार्वजनिक उपक्रमों और सरकारी सहायता प्राप्त संगठनों में सभी प्रकार की नौकरियों के लिए त्रिपुरा का स्थायी निवासी प्रमाणपत्र (पीआरटीसी) को अनिवार्य कर दिया। यह जानकारी सूत्रों ने बुधवार को दी।

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने सत्ता में आने के बाद 2018 में इस प्रावधान में छूट दी थी, जिससे राज्य में बड़ी संख्या में बेरोजगार लोगों को सरकारी नौकरियां प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त हुआ था। पीआरटीसी के प्रावधानों में छूट देते हुए, श्री देब के नेतृत्व वाली सरकार ने संयुक्त भर्ती बोर्ड परीक्षा (जेआरबीटी) का आयोजन किया था, जिसमें राज्य के अंतर्गत आने वाले समूह-ग और समूह-घ के पदों पर आवेदन करने के लिए अन्य राज्यों के उम्मीदवारों अनुमति प्रदान की गई थी।

राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में लगभग 5,000 पदों के लिए 1.57 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों ने परीक्षाएं दी थीं, जिसमें पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा के उम्मीदवार भी शामिल थे, जिससे स्थानीय लोगों के बीच असंतोष व्यापत हो गया था। श्री देब के बाद हालांकि, डॉ माणिक साहा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने सरकारी नौकरियों की सभी श्रेणियों में पीआरटीसी को फिर से शामिल करने तक भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी। राज्य मंत्रिमंडल के प्रवक्ता एवं पर्यटन मंत्री सुशांत चौधरी ने आज कहा कि आखिरकार, मंगलवार को, मंत्रिमंडल ने पहले से लागू अन्य आवश्यकताओं के अलावा त्रिपुरा के लोगों को ज्यादा अवसर प्रदान करने का निर्णय लिया है।