इस्लामाबाद
लश्कर, जैश-ए-मोहम्मद जैसे कश्मीरी आतंकी संगठनों को पालने वाला पाकिस्तान एक बार फिर से डिफॉल्ट होने से कुछ समय के लिए बच गया है। पाकिस्तान की शहबाज सरकार के पिछले कई महीने से गिड़गिड़ाने के बाद आखिरकार अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने 3 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज दे दिया है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक आईएमएफ को पाकिस्तान को कर्ज देने के लिए मजबूर करने में अमेरिका ने बड़ी भूमिका निभाई है। यह वही अमेरिका है जिसने पीएम मोदी की यात्रा के दौरान लश्कर, जैश और अलकायदा जैसे आतंकी संगठनों को शरण देने के लिए पाकिस्तान को लताड़ लगाई थी। अमेरिका के इस डबल गेम पर अब विशेषज्ञ सवाल उठा रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय मामलों के चर्चित विशेषज्ञ ब्रह्मा चेलानी ने ट्वीट करके अमेरिका की दोहरी नीति पर हमला बोला। चेलानी ने कहा, 'अमेरिका और उसके सहयोगी देश आईएमएफ के फैसलों पर निर्णायक अधिकार रखते हैं। अब ये देश पाकिस्तान को डिफॉल्ट होने से बचाने के लिए आगे आए हैं और 3 अरब डॉलर का कर्ज दिलवाया है। अमेरिका पाकिस्तान को डूबने नहीं दे रहा है। यही नहीं अमेरिका पाकिस्तान के एफ-16 फाइटर जेट को आधुनिक बना रहा है ताकि भारत के खिलाफ उनकी मारक क्षमता में सुधार आ जाए।'
बिलावल भुट्टो ने दो बार अमेरिका के विदेश मंत्री से की बात
इस बीच पाकिस्तानी अखबार डॉन ने खुलासा किया है कि अमेरिका ने पर्दे के पीछे पाकिस्तान को आईएमएफ से लोन हासिल करने में मदद की। वह भी तब जब पाकिस्तान ने आईएमएफ के साथ किए गए सभी वादों को पूरा नहीं किया था। यही नहीं शहबाज सरकार ने आईएमएफ की सभी शर्तों को नहीं माना था, फिर अमेरिका ने पाकिस्तान को डिफॉल्ट होने से बचाने में मदद की। पाकिस्तान के एक राजनयिक सूत्र ने कहा, 'अमेरिका ने पूरे प्रक्रिया के दौरान पाकिस्तान की मदद की। हालांकि अमेरिका ने इस बात के लिए भी जोर दिया है कि आईएमएफ के साथ किए गए सुधार के सभी वादों को पूरा किया जाएगा।'
सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने दो बार अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ लोन के मुद्दे पर बात की। यही नहीं इस मुद्दे पर आमने-सामने की मुलाकात के दौरान भी चर्चा हुई थी। वॉशिंगटन में पाकिस्तान का दूतावास भी लगातार अमेरिका के विदेश और वित्त विभाग से कर्ज दिलवाने के लिए गुहार लगाता रहा। इसके अलावा अमेरिकी सांसदों से भी बाइडन सरकार पर दबाव डलवाया गया। इसके बाद शहबाज शरीफ ने दो बार आईएमएफ की चीफ से मुलाकात करके गिड़गिड़ाए थे। पाकिस्तान एक तरफ डिफॉल्ट होने की कगार पर है, वहीं कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठनों को खुलेआम चंदा दिया जाना जारी है।