Home हेल्थ गर्मियों के मौसम में आहार और विहार दोनों के प्रति सचेत बने...

गर्मियों के मौसम में आहार और विहार दोनों के प्रति सचेत बने रहना जरूरी

959

हर मौसम हमारे खानपान और रहन-सहन में कुछ बदलाव चाहता है। अगर हम मौसम के अनुरूप बदलाव की इस जरूरत का ध्यान नहीं रखते हैं, तो सेहत से संबंधित समस्याओं की आशंका काफी बढ़ जाती है। ऐसे में आप गर्मी के मौसम के लिए किन-किन बातों का ध्यान रखें, क्या-क्या सावधानियां बरतें, जानकारी दे रही हैं इंद्रेशा समीर,बढ़ती गर्मी सेहत के लिहाज से सावधानी का मौसम है। जरा भी लापरवाही बीमार बना सकती है। इस मौसम में आहार और विहार दोनों के प्रति सचेत बने रहना जरूरी है। सर्दियों वाले पौष्टिक खानपान पर विराम लगाकर अब धीरे-धीरे हल्के और सुपाच्य खानपान पर ध्यान देने का समय है, अन्यथा पाचनशक्ति पर बुरा असर पड़ सकता है। कुछ आसान से उपाय मौसम की मार से आपको बचाए रख सकते हैं।इस मौसम में बाहर का तापमान जैसे-जैसे बढ़ता है, वैसे-वैसे शरीर में भोजन को पचाने का काम करने वाली जठराग्नि कमजोर पड़ती है। जिस तरह से सर्दी के मौसम में हमारा शरीर भारी, गरिष्ठ और पौष्टिक भोजन आसानी से पचा लेता है, उस तरह से गर्मी के मौसम में संभव नहीं है। ऐसे में बढ़ते तापमान के साथ खानपान के तरीके में जरूरी परिवर्तन कर लेना जरूरी है, ताकि सेहत सलामत रहे। भोजन हल्का और सुपाच्य होना चाहिए। बढ़ती गर्मी के साथ पूड़ी, परांठे की बजाय पतले फुल्के या कम घी लगी रोटी खाना उचित है। सर्दी में यदि उड़द की दाल खाते रहे हों, तो इस मौसम में इसकी बजाय छिलके वाली मूंग की दाल खाएं। हरी सब्जियां और सलाद भरपूर खाएं। खीरा, ककड़ी, प्याज, टमाटर, मूली जैसी चीजों को सलाद में शामिल कर सकते हैं। मौसमी फल जरूर खाएं। बढ़ते तापमान के साथ रसदार फल शरीर में पानी की मात्रा बनाए रखने में मदद करते हैं। मौसमी, संतरा, तरबूज, खरबूजा, अंगूर, लीची जैसे फल इस मौसम में आना शुरू हो जाते हैं। इन्हें आहार का हिस्सा बनाएं। घंटे-डेढ़ घंटे के अंतराल पर पानी पीते रहना चाहिए। दिन भर में आठ-दस गिलास पानी जरूर पिएं। तरल पदार्थ भरपूर मात्रा में सेवन करें, ताकि शरीर में पानी की कमी न हो। नीबू की शिकंजी, गन्ने का रस, पुदीने का शर्बत जैसे पेय फायदेमंद हैं। नारियल पानी भी पिएं। चना, जौ आदि अनाजों से बना सत्तू सेवन करें। इससे पेट में गर्मी नहीं बढ़ने पाती। इसे नमकीन या मीठा, दोनों तरह से ले सकते हैं। दही, छाछ भोजन में शामिल करें। छाछ में नमक, भुना जीरा मिलाकर स्वादिष्ट बना सकते हैं। दही की मीठी लस्सी भी ले सकते हैं। खाने के बाद एक गिलास छाछ भोजन को आसानी से पचा देती है। आंवले और बेल का मुरब्बा, पेठा जैसी चीजों को गर्मियों की मिठाई के तौर पर सेवन कर सकते हैं। मसाले और खट्टी चीजों का इस्तेमाल कम करें। इनसे हाजमे पर बुरा असर पड़ सकता है। फूड पॉयजनिंग के शिकार भी हो सकते हैं। तेल, घी की मात्रा बढ़ती गर्मी के साथ कम करें। तैलीय भोजन से शरीर में गर्मी बढ़ती है और पाचन तंत्र पर बुरा असर पड़ता है। घर से बाहर निकलें तो पानी या शिकंजी वगैरह पीकर निकलें। पानी की बोतल साथ रखें।