पटना
बिहार के प्राथमिक स्कूलों में हाल के दिनों में हुए सकारात्मक प्रयोगों ने राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान आकृष्ट किया है। देश के 15 राज्यों के शिक्षा विभाग इन प्रयोगों को अपने यहां अपनाने जा रहे हैं। इनमें चहक कार्यक्रम, प्रोग्रेस रिपोर्ट, बैगलेस शनिवार और असेसमेंट के अनोखे प्रयोग शामिल हैं। पुणे में 15 से 23 जून तक आयोजित जी-20 कार्यक्रम में बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने अपना स्टॉल लगाया था। एफएलएन (मूलभूत साक्षरता और संख्या ज्ञान) की थीम पर लगाये गये स्टॉल की खूब सराहना हुई। तमाम राज्यों के शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बिहार शिक्षा परियोजना परिषद के स्टॉल पर स्कूलों में चल रही गतिविधियों में दिलचस्पी दिखायी।
15 राज्यों ने दिखाई दिलचस्पी
15 राज्यों ने कई गतिविधियों को अपने यहां लागू करने की इच्छा जताते हुए विस्तृत जानकारी ली। इसमें हरियाणा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तराखंड, आसाम, मेघालय, मणिपुर और दिल्ली जैसे राज्य शामिल हैं। इन राज्यों ने अपने यहां इन गतिविधियों को लागू करने के लिए बिहार शिक्षा परियोजना परिषद से संपर्क भी किया।
आपको बता दें कि कोरोना काल के बाद स्कूली बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि बढ़े, भाषा के साथ संख्यात्मक ज्ञान भी हो इसके लिए असेसमेंट किया गया। एससीईआरटी द्वारा कक्षा एक और दो के बच्चों का असेसमेंट किया गया। असेसमेंट में हिन्दी, अंग्रेजी और गणित विषय रखा गया। जो रिपोर्ट आई वो चौंकाने वाली थी। बच्चे सुन कर तो पढ़ लेते थे लेकिन वहीं जब उन्हें लिखने के लिए कहा जाता था तो वो लिख नहीं पाते थे। इस रिपोर्ट के आधार पर एससीईआरटी ने कक्षा एक और दो का सिलेबस तैयार किया। इसके तहत अब हर तीन महीने पर बच्चों की प्रोग्रेस रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसमें जो बच्चे कमजोर चिह्नित होंगे, उन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
असेसमेंट के तरीके अपनाएंगे कई राज्य
एससीईआरटी और बिहार शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा प्राथमिक कक्षा के बच्चों के किये गये असेसमेंट को कई राज्य अपने स्कूलों में लागू करेंगे। बता दें कि अभी तक साल में अर्द्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षा में ही बच्चों का असेसमेंट होता रहा है। लेकिन अब प्रोग्रेस रिपोर्ट से हर दिन असेसमेंट तैयार होगा, इससे बच्चों के शैक्षणिक स्तर को सुधारा जा सकेगा।
1.38 लाख शिक्षकों को प्रशिक्षण
चहक कार्यक्रम के तहत कक्षा एक से पांच तक अभ्यास पुस्तिका तैयार की गयी। इस पुस्तिका से हर दिन बच्चों को खेल-खेल में पढ़ना-लिखना सिखाया जाता है। हर स्कूल को चहक अभ्यास पुस्तिका की किट दी गई है। इसके लिए 1.38 लाख शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया। राज्यों ने चहक अभ्यास पुस्तिका भी मांगी है।
बैगलेस शनिवार तो है पर बिहार जैसा नहीं
बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने बैगलेस शनिवार का कैलेंडर तैयार किया है। कैलेंडर के अनुसार हर शनिवार को गतिविधि करवाई जाती है। कई राज्यों ने कहा कि उनके यहां बैगलेस शनिवार लागू है पर बिहार की तरह कैंलेंडर नहीं बनाया गया है। इच्छुक राज्यों ने बिहार शिक्षा परियोजना परिषद से कैलेंडर की मांग की है।