दुर्ग
दुर्ग नागपुर हाईवे पर बने दुर्ग बाइपास टोल प्लाजा में स्थानीय लोगों ने मिलकर जमकर तोड़फोड़ की। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनकी मांग है कि स्थानीय लोगों और सीजी 07 पासिंग गाड़ियों से टोल न लिया जाए। इसी बात को लेकर उन्होंने ये प्रदर्शन और तोड़फोड़ की है। जब टोल प्लाजा प्रबंधन उनकी बात मानने के लिए राजी हुआ तब जाकर प्रदर्शनकारी शांत हुए।
शाम 5 बजे से लोग टोल प्लाजा के पास कार्यकर्ता इकट्ठा होने लगे। शाम 5.30 बजे तक हजारों की संख्या में अन्य लोग पहुंच गए। वे शांति पूर्वक प्रदर्शन कर ही रहे थे, तभी टोल प्लाजा के अधिकारी ने यह कह दिया कि उनका प्रदर्शन गलत है, वो लोग नियम के मुताबिक टोल वसूल रहे हैं।
इतना सुनते ही प्रदर्शनकारी भड़क गए। इसके बाद उन्होंने प्लाजा में तोड़फोड़ शुरू कर दी। टोल प्लाजा का डिस्प्ले, सीसीटीवी कैमरा, टोल वसूली काउंटर, फायर सेफ्टी इक्यूपमेंट सहित गमले और अन्य सामान तोड़ दिए। इसके बाद जब टोल प्रबंधन ने उनकी बात मानने की हामी भरी तो करीब 3 घंटे बाद प्रदर्शन बंद हुआ। तब तक रायपुर-नागपुर नेशनल हाईवे पर वाहनों की लंबी कतारें लगी रहीं।
टोल प्लाजा मैनेजर ने दुर्ग कलेक्टर को बताया जिम्मेदार
दुर्ग बाईपास टोल प्लाजा के मैनेजर एच करुणाकर ने बताया कि लोकल गाड़ियों को फ्री करने का पत्र दिया था। उस पत्र को उन्होंने कलेक्टर के पास भेजा था। कलेक्टर ने देर शाम तक जवाब नहीं दिया। इससे हम कोई निर्णय नहीं ले पाए और प्रदर्शनकारी भड़क गए। उन्होंने प्लाजा में तोड़फोड़ की। टोल कंपनी ने सीजी 07 को फिलहाल के लिए फ्री करने का निर्णय लिया है।