नईदिल्ली
बसों की कमी से जूझ रहे दिल्ली के लोगों को अगले महीने से थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। करीब 200 नई इलेक्ट्रिक बसों को सड़कों पर उतारने की तैयारी है। ये बसें महीने भर पहले ही दिल्ली पहुंच चुकी हैं और इनका रजिस्ट्रेशन प्रोसेस भी पूरा होने को है। बसों में जीपीएस, पैनिक बटन, सीसीटीवी कैमरे लगाने और इन्हें कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से इंटिग्रेट करने का काम चल रहा है। साथ ही सीएम अरविंद केजरीवाल से इन बसों को हरी झंडी दिखाने के लिए समय मांगा गया है। डीटीसी के सूत्रों ने उम्मीद जताई है कि जुलाई के पहले या दूसरे हफ्ते तक ये बसें सड़कों पर चलनी शुरू हो जाएंगी।
मायापुरी और रोहिणी-1 डिपो इलेक्ट्रिक के लिए रिजर्व
करीब 200 बसें सड़कों पर उतरेंगी, जिनमें से 100 बसें मायापुरी डिपो से चलेंगी, जबकि 50 बसों को नेहरू प्लेस में बनाए गए नए इलेक्ट्रिक डिपो से और बाकी की 50 बसों को रोहिणी-1 डिपो से संचालित करने की तैयारी है। इसके लिए मायापुरी और रोहिणी-1 डिपो का इलेक्ट्रिफिकेशन करके दोनों डिपो को केवल इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए रिजर्व कर दिया गया है। यहां से चलने वाली जिन बसों की लाइफ पूरी हो चुकी थी, उन्हें स्क्रैप करने के लिए भेज दिया गया है। वहीं जो बसें चलने लायक हैं, उन्हें दूसरे डिपो में शिफ्ट किया गया है।
अभी दिल्ली में चल रहीं करीब 300 इलेक्ट्रिक बसें
हालांकि, पिछले दिनों टेस्टिंग और ट्रायल के लिए मायापुरी डिपो से चलाई गई एक नई इलेक्ट्रिक बस में कुछ गड़बड़ी की शिकायत मिली थी, जिसके बाद डीटीसी प्रबंधन ने इस बारे में बस निर्माताओं को जानकारी देकर गड़बड़ी को ठीक करने के लिए कहा था। इस बस के एक्सिलरेटर सिस्टम में कोई खराबी होने की बात सामने आई थी, जिसके बाद डीटीसी प्रबंधन को यह चिंता सताने लगी थी कि कहीं बाकी बसों में भी रूट पर चलते वक्त ऐसी ही खराबी न आने लगे।
सभी बसों की टेस्टिंग की जाएगी
इसे देखते हुए डीटीसी प्रबंधन ने बसें मुहैया कराने वाली कंपनी टाटा मोटर्स लिमिटेड को निर्देश दिया था कि सभी बसों की ठीक से टेस्टिंग की जाए। दिल्ली में अभी 300 से अधिक इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं। अगले महीने तक इनकी तादाद बढ़कर 500 से ज्यादा हो जाएगी। दिल्ली सरकार ने 1500 नई इलेक्ट्रिक बसें खरीदने का ऑर्डर दिया है। उसी के तहत 200 बसों की ये पहली खेप आई है।