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क्या है समोसा कॉकस, जिसका PM मोदी ने अमेरिकी संसद में किया जिक्र तो खूब बजीं तालियां

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नई दिल्ली
पीएम नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए दोनों देशों के ऐतिहासिक रिश्तों का जिक्र किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी समोसा कॉकस का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यहां ऐसे लाखों लोग हैं, जिनकी जड़े भारत में रही हैं। उनमें से कुछ लोग तो इस संसद में गर्व के साथ बैठे हैं। यह एक चीज है, जिसने इतिहास रच दिया है। पीएम मोदी ने कहा कि मुझे बताया गया है कि इस सदन का अब एक फ्लेवर समोसा कॉकस भी है। इस पर देर तक तालियां बजती रहीं। पीएम मोदी ने इस मौके पर अमेरिका और भारत के बीच लोकतंत्र के रिश्ते का जिक्र किया।

यही नहीं उन्होंने इस दौरान अपने कार्यकाल की उपलब्धियों का जिक्र भी अमेरिका में किया। पीएम मोदी ने कहा कि जब मैं प्रधानमंत्री के तौर पर पहली बार अमेरिका आया था, तब भारत दुनिया में 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। लेकिन आज हम दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी इकॉनमी हैं। जल्दी ही हम विश्व में तीसरे स्थान पर आएंगे। पीएम मोदी के भाषण में समोसा कॉकस के जिक्र की काफी चर्चा रही। दरअसल समोसा कॉकस एक टर्म है, जो भारतीय मूल के अमेरिकी सांसदों के एक ग्रुप को दिया गया है।
 

इस ग्रुप में अमेरिकी संसद के निचले सदन और सीनेट दोनों के ही भारतीय मूल के सांसद शामिल हैं। यह ग्रुप जनहित के मुद्दे उठाता है और इमिग्रेशन पॉलिसी को आसान करने जैसे मसलो को रखता है। भारतीय मूल के कारोबारी और अमेरिकी संसद के प्रतिनिधि राजा कृष्णमूर्ति ने समोसा कॉकस टर्म दिया था। इस कॉकस में फिलहाल 6 सांसद शामिल हैं। इनमें रो खन्ना, अमि बेरा, प्रमिला जयपाल आदि भी हैं। प्रधानमंत्री ने समोसा कॉकस की बात करते हुए अमेरिका और भारत के खास रिश्ते के लिए एक नया टर्म AI भी दिया। उन्होंने कहा कि आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए AI कहा जा रहा है, लेकिन दुनिया में एक और AI की चर्चा है।
 

यह AI हैं, भारत और अमेरिका। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ही मूल्य एक हैं और लोकतंत्र साझा करते हैं। एक लंबे अरसे में दोनों देशों में लोकतंत्र का विकास हुआ है और यह स्पष्ट है कि इसकी भावना समानता और गरिमा की है। पीएम मोदी ने कहा कि इसी मंत्र के साथ हमने भारत में महिलाओं को विकास का भागीदार ही नहीं बनाया बल्कि नेतृत्व भी सौंपा है। आज हमने भारत में 15 करोड़ लोगों को आवास मुहैया कराए हैं। यह संख्या ऑस्ट्रेलिया की आबादी के मुकाबले 6 गुना अधिक है।