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चाकू की नोंक पर व्याख्याता के घर नगदी, जेवर सहित 10 लाख की डकैती

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अकलतरा

व्याख्याता किशोर देवांगन के घर बीती रात लगभग 1.30 बजे घर के पीछे स्थित रसोई का दरवाजा तोड़कर चाकू की नोक पर 5 सशस्त्र डकैतों ने नगदी व जेवर सहित 10 लाख रुपए से ज्यादा की डकैती कर चंपत हो गए। पुलिस ने अज्ञात डकैतों के खिलाफ मामला दर्ज कर उसकी खोजबीन में जुट गई है।

जानकारी के अनुसार वार्ड क्रमांक 5 गुरु घासीदास मोहल्ला अकलतरा में शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला परसाहीबाना में व्याख्याता के पद पर कार्यरत किशोर देवांगन का 2 मंजिला मकान स्थित है। वहां के नीचे कमरे में किशोर देवांगन की मां त्रिवेणी बाई देवांगन (63) एवं उसके छोटे भाई की बेटी परी देवांगन (5) सो रही थी। नीचे के दूसरे कमरे में किशोर देवांगन का छोटा भाई राजू देवांगन (35) एवं उसकी पत्नी अंजली देवांगन सो रहे थे। किशोर देवांगन (40) अपनी पत्नी मंजूला देवांगन एवं बच्चों के साथ घर के ऊपर के कमरे में रहते हैं। रात को लगभग 2 बजे किशोर देवांगन की मां त्रिवेणी देवांगन ने घायल अवस्था में किशोर देवांगन को उठाया और बताया कि लगभग 5 लोग उसके कमरे में घुस आए एवं घर की रसोई के चाकू को गले में रखकर कमरे में रखी दो अलमारियों को तोड़कर उसमें से सोना एवं नगद को पार कर दिया। सुबह किशोर देवांगन ने पुलिस को इसकी सूचना दी। एसपी विजय अग्रवाल, एसडीओपी शैलेंद्र पांडे ,चांपा थाना प्रभारी मनीष परिहार, अकलतरा थाना प्रभारी उमेश साहू सारागांव थाना प्रभारी सुरेश ध्रुव एवं डॉग स्क्वायड लेकर पहुंचे और छानबीन शुरू कर दी लेकिन डकैतों का कोई सुराग हाथ नहीं लगा। फिलहाल पुलिस ने अज्ञात पांचों डकैतों के खिलाफ भादवि की धारा 398, 458 के तहत मामला दर्ज कर उनकी खोजबीन में जुट गई है।

किशोर देवांगन ने बताया कि उसकी मां त्रिवेणी बाई देवांगन के कमरे में रखी अलमारी से सोने का कर्ण फूल, तीन तोले का झुमका, दो तोला सोने की चैन, एक तोले का मंगलसूत्र , डेढ़ तोले अंगूठी एवं फूली एक तोला,बाली आधा तोला नथनी 2 ग्राम बिंदिया 4 ग्राम, चांदी की पायल 50 तोला, चांदी का कटोरी ,चम्मच, गिलास, हाथ करधन, हाथ, फूल, पैर, फूल सहित अन्य सोने चांदी के आभूषण कीमत लगभग 9 लाख रूपए एवं नगद 1 लाख 10 हजार रुपए को डकैतों ने पार कर दिया। इसमें से लगभग साढ़े 3 तोला सोना एवं 25 तोला चांदी उसकी बहन निर्मला देवांगन का था जिसे कुछ दिनों पूर्व वह अपनी मां त्रिवेणी देवांगन के पास रखवा कर कहीं रिश्तेदारी में गई थी।

अज्ञात डकैतों ने जैसे ही त्रिवेणी बाई देवांगन के कमरे में प्रवेश किया और उसके गले में चाकू रखकर उसके सिर में तकिया रखा तो त्रिवेणी बाई देवांगन चिल्लाने लगी। इस पर डकैतों ने उसके दोनों हाथ एवं पैर को कसकर पकड़ लिया। दादी को संकट में देखकर परी देवांगन ने डकैतों से गुहार लगाई कि उसके दादी को छोड़ दे लेकिन डकैतों ने परी देवांगन के मुंह को भी बंद कर दिया।