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मुलायम और मायावती ने भी कोशिश की थी… केसीआर पर तंज कस गए अजीत पवार

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 महाराष्ट्र

महाराष्ट्र में केसीआर की पार्टी बीआरएस के होर्डिंग्स को लेकर सियासत गरमायी हुई है। केसीआर तेलंगाना के बाहर अपनी पार्टी के विस्तार की कोशिश में लगे हैं। केसीआर की इन कोशिशों पर एनसीपी के कद्दावर नेता अजीत पवार ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि इससे पहले मुलायम सिंह यादव और मायवती ने भी कोशिश की थी लेकिन, वो सफल नहीं हुए। केसीआर भी ऐसा ही प्रयास कर रहे हैं लेकिन, कामयाब नहीं हो पाएंगे। पुणे में पत्रकारों से बात करते हुए अजीत पवार ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों, मायावती और मुलायम सिंह यादव ने भी इसी तरह की कोशिश की थी, लेकिन सफल नहीं हुए, केसीआर के साथ ही ऐसा ही होगा। अजीत पवार ने कहा, "मुलायम सिंह और मायावती जब यूपी के मुख्यमंत्री थे, तो उन्होंने यही काम करने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें भी ज्यादा सफलता नहीं मिली … शायद के चंद्रशेखर राव राष्ट्रीय स्तर पर एक नेता बनना चाहते हैं और इसीलिए वह कोशिश कर रहे हैं।"

राष्ट्रीय नेता बनने की होड़ में केसीआर
अजीत पवार ने कहा कि केसीआर एक राष्ट्रीय नेता बनना चाहते हैं और इसलिए तेलंगाना के बाहर बीआरएस (भारत राष्ट्र समिति) का विस्तार करने की कोशिश कर रहे हैं। पवार ने कहा, "वह तेलंगाना के मुख्यमंत्री हैं, जो यहां राज्य में अपनी पार्टी का नेतृत्व करने जा रहे हैं। जो लोग उस पार्टी में शामिल हो रहे हैं, वे जानते हैं कि उन्हें यहां मौका नहीं मिलेगा।"

महाराष्ट्र में बीआरएस के होर्डिग्स पर सियासत तेज
महाराष्ट्र में बीआरएस के होर्डिंग्स का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब महंगाई और बेरोजगारी होती है तो पैसा बैनरों और विज्ञापनों पर खर्च किया जाता है। अजीत पवार ने कहा, "राज्य के लोगों को सोचना चाहिए कि जब महंगाई और बेरोजगारी है तो होर्डिंग, विज्ञापन, बैनर और टीवी पर खर्च कैसे हो रहा है, यह पैसा कहां से आ रहा है?" गौरतलब है कि इस साल मार्च में, तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र के नांदेड़ में एक सभा की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के विज्ञापन को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिवसेना की आलोचना की। केसीआर ने कहा था, "किसानों को 24 घंटे मुफ्त बिजली के साथ-साथ निवेश के लिए प्रति एकड़ 10,000 रुपये दिए जाने चाहिए। किसी किसान की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु के मामले में, उसे 5 लाख रुपये का बीमा दिया जाना चाहिए। तेलंगाना की तरह, सरकार को खुले तौर पर किसानों की उपज खरीदनी चाहिए।"

पीएम मोदी पर हमलावर केसीआर
फरवरी में, महाराष्ट्र के नांदेड़ में एक रैली में, केसीआर ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने फाइजर से COVID-19 टीकों के आयात को "जबरदस्ती" रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया, खासकर जब लोग सबसे अच्छा टीका प्राप्त करने के लिए तैयार थे। राव ने दावा किया कि उन्होंने और कई अन्य मुख्यमंत्रियों ने भारत में फाइजर टीके की पैरवी की थी, लेकिन पीएम मोदी सरकार ने भारत में अमेरिकी फार्मास्युटिकल दिग्गज के प्रवेश को रोक दिया। महाराष्ट्र के नांदेड़ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, केसीआर ने कहा था कि "मेक इन इंडिया" एक "मजाक इन इंडिया" बन गया है। कहा था, "आज कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां चीन को छोड़ रही हैं, लेकिन हम उन्हें आकर्षित क्यों नहीं कर पा रहे हैं? वे कंपनियां हमारी ओर क्यों नहीं मुड़ रही हैं? अगर मेक इन इंडिया सही होता, तो ईज ऑफ डूइंग सही होती, अगर वे व्यवहार्य होतीं।"