बेंगलुरु
स्कूल, कॉलेज और नौकरी। आमतौर पर एक युवा का करियर इन तीन चरणों से गुजरता है। शायद किसी भी छात्र ने ऐसा अनुभव नहीं किया होगा कि उसका कॉलेज नौकरी से पहले ही सैलरी में हिस्सा मांगने लगे। हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि बेंगलुरु का एक कॉलेज अपने छात्रों से सैलरी का छोटा हिस्सा मांग रहा है। लाइव हिन्दुस्तान इस वायरल पोस्ट की पुष्टि नहीं करता है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही पोस्ट में एक छात्र ने अपना अनुभव साझा किया है। पोस्ट के अनुसार, 'क्या कैंपस प्लेसमेंट के जरिए कंपनी में नौकरी मिलने के बाद बेंगलुरु के कॉलेज अपने छात्रों को अपना CTC का हिस्सा देने के लिए मजबूर करते हैं।' आगे लिखा है, 'मेरा कॉलेज चाहता है कि मैं सीटीसी का 2.1% हिस्सा दूं और उसे प्लेसमेंट सेल फी कहते हैं।'
पोस्ट के मुताबिक, 'इस भुगतान के बारे में पहले नहीं बताया गया था और उन्होंने मेरे सभी सर्टिफिकेट रोक लिए हैं। यह कंपनी के साथ आगे की प्रक्रिया को प्रभावित कर रहा है।' खबर है कि सोशल मीडिया पर इसके अलावा एक अन्य यूजर ने भी इस तरह के अनुभव को साझा किया है।
आगे कहा गया, 'वे इससे जुड़ा कोई सर्कुलर या दस्तावेज पेश नहीं करेंगे, जहां इस भुगतान से जुड़ी कोई बात हो। वे मौखिक रूप से मुझे रुपये देने के लिए मजबूर कर रहे हैं। साथ ही अभी कमाना शुरू नहीं किया है। मैं अभी सिर्फ ग्रेजुएट हुआ हूं, लेकिन वे चाहते हैं कि मैं 2.1 फीसदी सीटीसी का भुगतान करूं। मैंने सुना है कि ऐसा पहले भी हुआ है। क्या इसके बारे में कुछ किया जा सकता है।'
कॉलेज ने छात्रों से उनकी सैलरी का 2.1 फीसदी हिस्सा प्लेसमेंट सेल फीस के रूप में मांगा है। कॉलेज की यह डिमांड सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। लोग कॉलेज की खूब फजीहत कर रहे हैं। यूजर PurpleRageX ने कॉलेज की डिमांड का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर शेयर किया है।
सैलरी का हिस्सा नहीं देने पर डॉक्यूमेंट्स रोक रहा कॉलेज
पोस्ट में कहा गया है कि कॉलेज ने छात्रों से मांग की है कि उन्हें कंपनी में प्लेसमेंट के बाद अपनी सैलरी का 2.1 फीसदी हिस्सा देना होगा। जिन छात्रों ने सैलरी का हिस्सा नहीं दिया है उनके डॉक्यूमेंट्स को कॉलेज रोक रहा है, जिससे छात्र को कंपनी में जॉब करने में परेशानी हो रही है।
फीस की मांग के पक्ष में कॉलेज ने नहीं दिया है ऑफिसियल डॉक्यूमेंट
प्लेसमेंट सेल फीस के लिए कॉलेज ने कोई ऑफिसियल डॉक्यूमेंट या सर्कुलर नहीं दिया है। पोस्ट में छात्रों के हवाले से कहा गया है कि कॉलेज छात्रों से मौखिक रूप से इस फीस की मांग कर रहा है। प्लेसमेंट होते ही सैलरी का हिस्सा मांगा जा रहा है। ऐसे छात्रों से भी पैसे मांगे जा रहे हैं जिन्होंने अभी कमाना शुरू भी नहीं किया है।
कॉलेज ने पहले भी छात्रों से लिया है उनकी सैलरी का हिस्सा
छात्रों ने आरोप लगाया है कि कॉलेज ने उनके सीनियरों के साथ भी ऐसा ही किया था। जिन छात्रों की नौकरी विभिन्न कंपनियों में लगी उनसे उनकी सैलरी का हिस्सा लिया गया। पोस्ट में कॉलेज के नाम का जिक्र नहीं किया गया है। इस मामले में एक दूसरे यूजर ने अपना अनुभव शेयर करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “मैंने इस कॉलेज से स्नातक किया है। मैं कॉलेज में प्लेसमेंट के लिए कभी नहीं बैठा। इसके बाद भी मुझे अपनी सैलरी का हिस्सा प्लेसमेंट ट्रेनिंग फी के नाम पर देना पड़ा।”