मध्यप्रदेश प्रदेश में सरकार से बढ़ी तकरार, जुलाई से प्रदेश में दहाड़ेंगे कर्मचारी
भोपाल
चुनावी वर्ष में कर्मचारी भी सरकार से अपने अधिकार लेने के लिए लामबंद हुए हैं। अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के बैनर तले कर्मचारी संगठनों ने बैठक की। इस दौरान निर्णय लिया गया कि अगर मौजूदा माह में सरकार मांगों का स्थाई समाधान नहीं करती है तो जुलाई से पूरे राज्य में आंदोलन का झंडा उठा लिया जाएगा। बताया गया है कि करीब 5 लाख से अधिक कर्मचारी इस आंदोलन का हिस्सा होंगे।
प्रथम चरण में 11 जुलाई 2023 दिन मंगलवार को समस्त जिलों में रैली कर मुख्यमंत्री मुख्य सचिव के नाम सभी कलेक्टरों को ज्ञापन दिया जाएगा। 11 अगस्त 2023 दिन शुक्रवार को प्रदेश के सभी कार्यालयों में सामूहिक अवकाश पर अधिकारी कर्मचारी रहेंगे।
सितंबर में राजधानी में होगा प्रदेशव्यापी धरना
10 सितंबर 2023 दिन रविवार को भोपाल में प्रदेश व्यापी धरना यदि मांगे नहीं मानी गई तो अनिश्चितकालीन आंदोलन की घोषणा होगी। मोर्चा अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने सरकार पर अधिकारी,कर्मचारी एवं पेंशनरों की लंबित मांगो के प्रति उदासीनता का आरोप लगाते हुये यह कहा है कि सरकार के द्वारा अधिकारियों, कर्मचारियों एवं पेंशनरों को मंहगाई भत्ता नहीं दिये जाने के कारण रोष व्याप्त है। डीए में क्रमश: 4 एवं 9 प्रतिशत पीछे हो गए हैं। देय तिथि से एरियर का भुगतान नहीं किया गया है। 2016 से रूकी हुई पदोन्नति हेतु प्रदेश सरकार कोई रूचि नहीं ले रही है। जिसके कारण हजारों अधिकारी एवं कर्मचारी पदोन्नति की बाट देखते-देखते सेवानिर्वत होते जा रहे हैं। स्वास्थ्य बीमा योजना को लागू नहीं किया जा रहा है।
आवास भत्ते की दरों को नहीं बढ़ाया जा रहा है। अनेकों संवर्गों में वेतन विसंगति व्याप्त हैं। लिपिकों की वेतन विसंगतियां दूर नहीं की जा रही है। एनपीएस को समाप्त कर पुरानी पेंशन बहाल नहीं की जा रही है। ग्रेड पे की विसंगति का निराकरण नहीं किया जा रहा है। अध्यापको को नियुक्ति दिनांक से वरिष्टता नहीं दी जा रही है। निगम मंडलों में छठवां एवं पंचायत सचिवों को सातवा वेतनमान अभी तक नहीं दिया गया है।
अनुकंपा नियुक्ति के लिए भटक रहे आश्रित
मोर्चा अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने कहा कि अनुकम्पा नियुक्ति में सरलीकरण नहीं किये जाने के कारण हजारो आश्रित परिवार कार्यालयों के चक्कर लगाते भटक रहे हैं। नियमित शिक्षकों का पदनाम परिवर्तन नहीं हो पाया है। दैनिक वेतन भोगी, संविदा कर्मचारी, स्थाईकर्मी, कोटवार, आउटसोर्सिंग कर्मचारी को नियमित नहीं किया जा रहा है। आशा एवं उषा कार्यकर्ता जन स्वास्थ्य रक्षक, की मांगो का निराकरण नहीं किया जा रहा है। उपरोक्त मांगो के समर्थन में म.प्र.अधिकारी /कर्मचारी संयुक्त मोर्चे में सम्मिलित लगभग चार दर्जन से अधिक मान्यता एवं गैर मान्यता प्राप्त कर्मचारी संगठन पूरे प्रदेश में मांगो का ज्ञापन सौंपेंगे ।
उन्होंने बताया कि संयुक्त मोर्चे के आव्हान पर निम्नलिखित संगठन सम्मिलित रहेंगे जिसमें मध्य प्रदेश प्रशासनिक सेवा संघ,राजपत्रित अधिकारी संघ, मप्र तृतीय वर्ग शा.कर्मचारी संघ, लघु वेतन कर्मचारी संघ, म.प्र. कर्मचारी कांग्रेस, म.प्र.राज्य कर्मचारी संघ, म.प्र.अनुसूचित जाति जनजाति पिछड़ा वर्ग अधिकारी संघ, (अपाक्स) मध्य प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ, म.प्र लिपिक वर्गीय शा.कर्मचारी संघ, मध्य प्रदेश वन कर्मचारी संघ, म.प्र राजस्व निरीक्षक संघ, मध्य प्रदेश पटवारी संघ, मध्य प्रदेश शा. वाहन चालक यात्रीकी संघ, म.प्र शिक्षक कांग्रेस, प्राध्यापक संघ, मध्य प्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर एसोसिएशन , म.प्र,सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी संघ,तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ, म.प्र. अनुसूचित जाति जनजाति अधिकारी कर्मचारी संघ, (अजाक्स) निगम मंडल कर्मचारी समन्वय महासंघ, निगम मंडल कर्मचारी महासंघ ,मध्य प्रदेश पंचायत सचिव संगठन, म.प्र तहसीलदार संघ, म.प्र.चिकित्सा अधिकारी संघ, मध्य प्रदेश मुख्य कार्यपालन अधिकारी संघ, मध्य प्रदेश नगर पालिका नगर निगम अधिकारी कर्मचारी संघ, पुरानी पेंशन बहाली संघ, संविदा अधिकार आन्दोलन प्रबंधन समिति, म.प्र स्थाई कर्मी संघ, म.प्र .समयपाल कर्मचारी संघ म.प्र.पेंशनर एसोसिएशन संघ ,मंडी बोर्ड कर्मचारी संघ संयुक्त मोर्चा ,बेंकर कर्मचारी संघ संयुक्त मोर्चा ,म.प्र.सहायक शिक्षक शिक्षक मोर्चा संघ, नियमित शिक्षक संघ, समग्र शिक्षक, संघ प्रांतीय शिक्षक संघ, शासकीय अध्यापक संगठन, राज्य शिक्षक कांग्रेस, राज्य निर्माण विभाग कर्मचारी संघ, म.प्रपंजीयन विभाग अधिकारी कर्मचारी संघ, म.प्र.न्यायिक कर्मचारी संघ, म.प्र.अतिथि विद्वान संघ, मध्य प्रदेश आपूर्ति अधिकारी संघ, मध्य प्रदेश वित्त सेवा अधिकारी संघ, सामान्य पिछड़ा वर्ग अधिकारी कर्मचारी संघ, (सपाक्स), पंचायत समन्वय अधिकारी संघ, ट्राईबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन संघ, प्रांतीय शासकीय शालेय व्याख्याता एवं प्राचार्य संघ, महिला एवं बाल विकास पर्यवेक्षक संघ, महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी संघ, समग्र प्राचार्य एवं व्याख्याता शिक्षक संघ, हैंडपंप टेक्नीशियन संघ, उन्नतशील अनुकंपा नियुक्ति कर्मचारी संघ, भू अभिलेख अधिकारी संघ, म.प स्टेनोग्राफर संघ मध्य प्रदेश विश्वविद्यालयीन (गैर शिक्षक) कर्मचारी महासंघ, मध्य प्रदेश आयुर्वेद होम्योपैथिक कर्मचारी संघ, प्रमुख रूप से सम्मिलित है।