जगदलपुर
बस्तर गोंचा पर्व के रियासतकालीन परम्परा का निर्वहन करते हुए प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज 4 जून से 28 जून तक बस्तर गोंचा पर्व का आयोजन कर रही है। 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष ईश्वर खंबारी एवं बस्तर गोंचा समिति के अध्यक्ष ललित पांडे ने पत्रकार वार्ता में बताया कि 4 जून 2023 को देवस्नान पूर्णिमा (चंदन जात्रा) पूजा विधान के साथ बस्तर गोंचा महापर्व 2023 का आगाज हो चुका है, भगवान श्रीश्री जगन्नाथ स्वामी के अनसर काल की समाप्ति के साथ 19 जून 2023 को नेत्रोत्सव पूजा विधान उपरांत 20 जून को श्रीगोंचा रथयात्रा पूजा विधान के साथ भगवान श्रीजगन्नाथ, माता सुभद्रा व स्वामी के 22 विग्रहों को तीन रथों पर रथारूढ़ कर परिक्रमा उपरांत जनकपुरी (गुणिचा मण्डप) में विराजित किये जायेंगे, जहां अनवरत 09 दिनों तक श्रद्धालु भगवान के दर्शन का पुण्य लाभ प्राप्त करेंगे। इस दौरान निर्धारित कार्यक्रमों के अनुसार 20 से 28 जून तक प्रत्येक दिवस समाज के द्वारा विविध धार्मिक/सांस्कृतिक अनुष्ठान (कार्यक्रमों) की परम्परा के निर्वहन की व्यवस्था भी की गई है। उन्होने बताया कि 25 जून को गुण्डिचा मण्डप सिरहासार में भगवान श्रीजगन्नाथ प्रभु को छप्पन भोग का अर्पण कार्यक्रम सम्पन्न किया जावेगा। मुख्यमंत्री ने बस्तर गोंचा पर्व में छप्पन भोग के अवसर पर 25 जून को सम्मिलित होने के लिए आश्वस्त किया है।
शताब्दियों से रियासतकालीन परम्परानुसार भगवान श्रीजगन्नाथ को अमनिया अर्थात सात्विक शुद्ध भोग का अर्पण 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज के 14 क्षेत्रीय समितियों में विभक्त 108 से अधिक ग्रामों में निवासरत समाज के परिवारों द्वारा 21 जून से 27 जून तक प्रतिदिन भोग लगाने के पश्चात श्रद्धालुओं को वितरण किया जायेगा।
बस्तर के गोंचा महापर्व में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से ग्रामीण एवं विभिन्न समुदाय के लोग प्रतिवर्ष अपनी सहभागिता निभाते हैं। समाज महापर्व को भव्य स्वरूप प्रदान करने हेतु निरंतर प्रयासरत हैं। इसी कड़ी में आज प्रेस वार्ता में इस वर्ष बस्तर गोंचा को इलेक्ट्रॉनिक प्रचार-प्रसार के माध्यम से देश-विदेश तक पहुचाने के लिए गोंचा पर्व के दौरान प्रमुख कार्यक्रम को समाहित करते हुए गोंचा तिहार राज बस्तर नाम से हल्बी गीत के गायक दिलीप पांडे, गायिकी कोमल साहू एवं संतोष पांडे द्वारा यूट्यूब के माध्यम से प्रसारित करने हेतु समाज के अध्यक्ष ईश्वर नाथ खम्बारी के द्वारा विमोचन किया।