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नक्सलियों के दो-दो हजार के 10 लाख रुपए के साथ 1 नक्सली सहयोगी गिरफ्तार

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बीजापुर

केंद्र सरकार द्वारा दो हजार के नोट को चलन से बाहर करने का सबसे ज्यादा असर नक्सलियों पर देखा जा रहा है। आये दिन नक्सलियों के दो-दो हजार के नोट खपाने के लिए जिला मुख्यालय आ रहे नक्सली सहयोगी पुलिस के हत्थे चढ?े लगे हैं। ऐसा ही एक मामला दो-दो हजार के 10 लाख रुपये लेकर नक्सली सहयोगी दिनेश ताती पिता मासा निवासी पालनार ट्रेक्टर खरीदने आया था, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपी के विरूद्ध छत्तीसगढ़ विशेष जन सुरक्षा अधिनियम की सुसंगत धाराओं में अपराध पंजीबद्ध कर वैधानिक कार्यवाही करते हुए, उसके कब्जे से दो-दो रुपये नोट के 05 गड्डी कुल 10 लाख रुपये व 80 नग नक्सली पर्चा सहित जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा बीजापुर का पासबुक जब्त किया गया है। प्रकरण में थाना बीजापुर द्वारा वैधानिक कार्यवाही के बाद न्यायिक रिमांड पर न्यायालय बीजापुर में पेश किया गया ।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मुखबिर से जानकारी मिली कि नक्सलियों के गंगालूर एरिया द्वारा दो-दो हजार के नोट खपाने के लिए गंगालूर क्षेत्र के कुछ लोगों को नक्सली संगठन के उपयोग के लिए ट्रेक्टर खरीदने के लिए बीजापुर भेजा गया है। सूचना पर बीजापुर कोतवाली की टीम सुबह से ही बीजापुर शहर के अलग-अलग ट्रेक्टर शो रूम में दबिश दी गई। इसी दौरान जॉन डियर ट्रेक्टर के शो रूप में दबिश देने के दौरान मुखबिर द्वारा बताये गए हुलिया का व्यक्ति पुलिस पार्टी को देखकर भागने की कोशिश करने लगा जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ करने पर उसने अपना नाम दिनेश ताती पिता मासा उम्र 24 वर्ष निवासी पालनार थाना गंगालूर का होना और एनजीओ से जुड़ा होना बताया। उसके पास रखे बैग की तलाशी लेने पर दो-दो रुपये के नोट 05 गड्डी, प्रत्येक गड्डी में 100 नोट, कुल 10 लाख रुपये एवं 80 नग नक्सली पर्चा बरामद किया गया। रुपयों के सम्बंध में उक्त व्यक्ति ने बताया कि 06 लाख रुपये पालनार जनताना सरकार अध्यक्ष मुन्ना हेमला द्वारा दिया गया था, जिसे गंगालूर एरिया कमेटी इंचार्ज दिनेश मोडियम से प्राप्त हुए थे, वहीं 02 लाख रुपये शांति पुनेम एसीएम गंगालूर एरिया कमेटी एवं 02 लाख रुपये पंडरु पोटाम (एसीएम) गंगालूर एरिया मिलिशिया कमांडर इन चीफ द्वारा दिया गया था। दो हजार के नोट प्रचलन से बाहर होने से लेवी वसूली की रकम को ट्रेक्टर खरीदकर खपाने की योजना थी।