लाड़ली बहना योजना के स्वीकृत प्रमाणपत्र सरपंच ने आज करवाए वितरित
भोपाल
शासन की राशि मनमाने तरीके से किस प्रकार दुरूपयोग करना है यह काम सरपंच की आंखों में किस प्रकार धूल झोंक कर उठाया जा रहा है वह खामखेड़ा पंचायत सचिव निर्भयसिंह लोधी की कार्यप्रणाली से देखा जा सकता है। मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत सचिव महीने में कितने दिन आता है यह बात ग्रामवासियों को भी नहीं पता है। इस बात कि जानकारी किसी भी ग्राम वासी के पास नहीं है।
जबकि क्षेत्रीय विधायक रामेश्वर शर्मा द्वारा ग्रामवासियों को लाड़ली बहना योजना के स्वीकृत प्रमाणपत्र प्रतिकात्मक रूप से वितरण कर पंचायत सचिव को जिम्मेदारी दी गई थी कि वे 10 जून के पहले सभी हितग्राहियों को स्वीकृति प्रमाणपत्र वितरित कर दें, लेकिन पंचायत सचिव ग्राम पंचायत पहुंचे ही नहीं। योजना के क्रियान्वयन के बाद 16 जून को सरपंच ने स्वयं ताला खोलकर कार्यालय में पहुंचे और साफ सफाई की और लाडली बहना योजना, लाडली लक्ष्मी योजना सहित ग्रामवासियों की समस्याओं का निराकरण करवाया।
भ्रष्टाचार के लगाए आरोप, दर्ज करवाई शिकायत
ग्राम पंचायत खामखेड़ा सचिव के द्वारा भ्रष्टाचार के ना जाने कौन-कौन से तरीके अपनाए जा रहे हैं जिनसे शासकीय राशि का आरंभ किया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत में स्टेशनरी घोटाला स्वच्छता सामग्री घोटाला सहित विभिन्न घोटाले किए जा रहे हैं। जानकारी में आया कि ग्राम पंचायत की राशि से लैपटॉप खरीदा गया है जिसके लिए 60,000 की राशि आहरण की गई है लेकिन लैपटॉप अभी तक ग्राम पंचायत में नहीं आया है। जानकार सूत्रों की माने तो लैपटॉप 25 से 35000 के बीच आ जाता है लेकिन ग्राम पंचायत सचिव द्वारा जो लैपटॉप खरीदा गया है उसका बिल रुपेश 60000 का बताया जा रहा है।
लाडली बहना योजना कार्यक्रम के भुगतान अभी तक अटके हैं
ग्राम वासियों का कहना है कि ग्राम पंचायत द्वारा लाडली बहना योजना के तहत ग्राम वासियों के माध्यम से कई कार्यक्रम करवाए थे जिसके भुगतान ग्राम पंचायत को करना है वह सभी भुगतान आज दिनांक तक अटके हैं साथ ही विधायक रामेश्वर शर्मा द्वारा लाडली बहना योजना के प्रमाण पत्र एवं निर्माण कार्यों का लोकार्पण एवं भूमि पूजन किया था कुछ कार्यक्रम के सभी बिल आज दिनांक तक अटके हुए हैं पंचायत सचिव पंचायत नहीं आ रहे हैं और ना ही सरपंच से किसी बात की अनुमति ले रहे हैं कि कहां जाना है क्या मीटिंग चल रही है।
सरपंच प्रतिनिधि विक्रम सिंह यादव ने बताया कि जब भी अधिकारियों को लेकर बात की जाती है तो कभी जनपद कार्यालय में तो कभी जनपद पंचायत फंदा कार्यालय में होना बताया जाता है। जबकि पंचायत सचिव किसी भी ग्रामवासी का मोबाइल उठाकर सही जवाब नहीं देता है। सचिव निर्भयसिंह लोधी ग्रामीणों का मोबाइल फोन उठा भी लेता है तो समाधान के लिए सरपंच से या सरपंच प्रतिनिधि विक्रम सिंह यादव से समाधान करने का कह देते हैं।
इस प्रतिनिधि ने मोबाइल पर बात की तो कभी जिला पंचायत की मीटिंग में तो कभी जनपद पंचायत में होना बताया और अधिकांश बातों में यही कहा कि आप सरपंच से मिल लीजिए आपका काम हो जाएगा। लेकिन उपस्थित हितग्राहियों की समस्याओं की बात कही तो फ़ोन काट दिया। जिसके बाद कई बार कोशिश की पर कोई रिप्लाई नहीं आया।
इनका कहना है
ग्राम पंचायत की विभिन्न समस्याओं के समाधान के साथ विभिन्न बिलों के भुगतान करवाना था लेकिन सचिव महोदय ग्राम पंचायत नहीं आते हैं। यदि कार्यवश कहीं जाना हो तो बताया भी नहीं जाता है कि कहां पर हैं। जबकि ग्राम पंचायत में सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं, लेकिन पता नहीं क्यों पंचायत सचिव निर्भयसिंह लोधी पंचायत के कार्य नहीं करते हैं। कई निर्माण कार्यों के बिलों के भूगतान के दस्तावेज उनके बैग में ही घुमते रहते हैं। लेनदार मुझे तगादा लगाते रहते हैं पर सचिव को कोई परवाह नहीं है।
जिला पंचायत और कलेक्टर को दिया स्थानांतरित करने का आवेदन
प्रतिदिन की परेशानी से निजात पाने के लिए कलेक्टर आशीष सिंह और जिला पंचायत सीईओ ऋतुराज सिंह, जनपद पंचायत सीईओ सहित क्षेत्रीय विधायक रामेश्वर शर्मा को आवेदन दिया जा रहा है।
इनका कहना है
जनपद पंचायत में कोई मीटिंग तो नहीं है। यदि किसी कार्य से सचिव निर्भयसिंह लोधी आएं होंगें तो मैं पता करता हूं।
शंकर नामदेव पांसे, सीईओ
जनपद पंचायत फंदा, भोपाल