नई दिल्ली
आईसीसी वर्ल्ड कप 2019 में भारतीय टीम के सिलेक्शन को लेकर काफी विवाद हुआ था। टीम इंडिया टूर्नामेंट में नंबर-4 के स्पेशलिस्ट बल्लेबाज के साथ खेलने नहीं गई थी और इसका खामियाजा भी टीम को भुगतना पड़ा था। 2019 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम के सिलेक्शन का जब भी जिक्र होता है, अंबाती रायुडू का नाम जरूर लिया जाता है। रायुडू इस टूर्नामेंट से पहले टीम इंडिया के लिए लगातार वनडे मैच खेल रहे थे, लेकिन वर्ल्ड कप स्क्वॉड में उन्हें शामिल नहीं किया गया था। जिसके बाद उन्होंने एक ऐसा ट्वीट कर दिया था, जिसने हंगामा मचा दिया था। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2023 रायुडू के करियर का आखिरी आईपीएल था और फाइनल मैच से पहले ही उन्होंने संन्यास का ऐलान कर दिया था। क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने वाले रायुडू ने हाल में एक इंटरव्यू में वर्ल्ड कप 2019 सिलेक्शन को लेकर कुछ नए खुलासे किए और अब इस पर उस समय भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की सिलेक्शन कमिटी के चीफ रहे एमएसके प्रसाद ने अपना जवाब दिया है।
रायुडू के आरोपों का जवाब देते हुए एमएसके प्रसाद ने टाइम्स नाउ न्यूज डॉट कॉम पर कहा, 'हम सभी को पता है कि सिलेक्शन कमिटी में पांच सिलेक्टर्स होते हैं, और कप्तान भी सिलेक्शन कमिटी की मीटिंग में शामिल होता है। किसी एक का फैसला मान्य नहीं होता है, तो फैसला लिया जाता है, वह कलेक्टिव फैसला होता है। अगर एक ही शख्स वहां बैठकर फैसला कर सकता, तो आपको पांच सिलेक्टर्स की जरूरत नहीं पड़ती। तो जो भी फैसले लिए जाते हैं, वह सबकी सहमति से लिए जाते हैं। कोई एक अकेला फैसला नहीं लेता है। मैं कोई प्रस्ताव रख सकता हूं, लेकिन सबके मानने के बाद ही वह प्रस्ताव स्वीकार किया जाएगा। सिलेक्शन कमिटी में एक के फैसले से काम नहीं चलता है।'
आंध्र प्रदेश की कप्तानी को लेकर रायुडू के आरोपों पर एमएसके प्रसाद ने कहा, 'एक टीम में एक लंबे क्रिकेट सीजन में छोटे-मोटे मनमुटाव हो सकते हैं, भाई-भाई के विचारों में भी मतभेद हो सकते हैं। लेकिन इंडियन क्रिकेट के इतने बड़े प्लैटफॉर्म पर सिलेक्शन को लेकर इन मनमुटावों से कोई फर्क नहीं पड़ता है। रायुडू को वर्ल्ड कप से पहले भारतीय टीम में चुना गया था। अगर उन मैचों में रायुडू को सिलेक्ट करने से किसी को दिक्कत नहीं थी, तो वर्ल्ड कप के लिए सिलेक्ट करने से कैसे दिक्कत होती। मैं इस बात को पूरी तरह से साफ करना चाहता हूं कि सिलेक्शन प्रोसेस पूरी तरह से सबकी सहमति पर टिका होता है।'