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क्या मोदी सरकार इसका जवाब देगी? ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी के दावों पर विपक्ष ने केंद्र को घेरा

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नई दिल्ली
 कांग्रेस ने ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी की टिप्पणी को लेकर मंगलवार को केंद्र की भाजपा नीत राजग सरकार पर दबाव बनाया और पूछा कि क्या नरेंद्र मोदी सरकार इसका जवाब देगी। कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक ट्वीट में कहा, "मोदी सरकार ने किसानों और किसान आंदोलन के अकाउंट को बंद करने के लिए ट्विटर को मजबूर किया। बता दें कि Twitter पूर्व सीईओ जैक डोरसी ने एक टीवी साक्षात्कार में स्वीकार किया  कि  सरकार या ट्विटर की आलोचना करने वाले पत्रकारों के खातों को बंद करने का दबाव डाला गया था और ट्विटर कर्मचारियों पर छापा माराने की धमकी दी।  

यूथ कांग्रेस और नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया ने भी ट्विटर पर डोरसे के दावे की उस क्लिप को साझा किया, जो उन्होंने सोमवार को यूट्यूब चैनल ब्रेकिंग पॉइंट्स को दिए एक साक्षात्कार के दौरान की थी। एनएसयूआई के अध्यक्ष नीरज कुंदन ने एक ट्वीट में कहा, 'बीजेपी लोकतंत्र का हत्यारा है, यह बार-बार साबित हो रहा है। यह ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोरसी हैं जो कह रहे हैं 'किसान विरोध के दौरान भारत सरकार ने हम पर दबाव डाला और कहा कि अगर हम यदि आप इसका पालन नहीं करते हैं तो ट्विटर बंद कर देंगे, और कर्मचारियों के घरों पर छापा मारेंगे'।"

वहीं, शिवसेना (उद्धव ठाकरे) गुट की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने भी बीजेपी पर निशाना साधा और कहा, "बीजेपी और सरकार ने किसानों के विरोध को कुचलने की कोशिश की, उन्होंने आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश की, उन्होंने किसानों को आतंकवादी कहा, उन्होंने किसानों को देशद्रोही कहा, उन्होंने लाठीचार्ज किया किसानों को मरने देते हैं, संसद में विपक्ष को चुप कराने की कोशिश करते हैं, सोशल मीडिया के मंचों को तोड़-मरोड़ कर पेश करते हैं ताकि किसानों का समर्थन करने वालों की आवाज दबाई जा सके… अहंकार और सरकार को किसान अधिनियम वापस लेने के लिए मजबूर किया।  बता दें कि कई राज्यों के किसानों ने नवंबर 2020 से एक साल से अधिक समय तक दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन किया। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को समझाने में विफलता को स्वीकार किया और उनसे अपने साल भर के विरोध को बंद करने की अपील की। जिसके बाद संसद के शीतकालीन सत्र में तीनों कानूनों को वापस ले लिया गया।