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जबलपुर, देवास, पीथमपुर व मढ़ई में पांच एकड़ से कम एरिया पर नहीं मिलेगी विकास अनुमति

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भोपाल
प्रदेश के जबलपुर, देवास, पीथमपुर और मढ़ई निवेश क्षेत्रों में डेवलपमेंट परमिशन को लेकर नगर व ग्राम निवेश (टीएनसीपी) ने क्लियर एरिया कांसेप्ट के आधार पर ही विकास अनुज्ञा जारी करने के निर्देश दिए हैं। इन जिलों और शहरों में अविकसित क्षेत्रों में पांच एकड़ से कम जमीन पर विकास अनुज्ञा जारी नहीं की जा सकेगी। विभाग ने यह राहत जरूर दी है कि ऐसे मामले में सारी भूमि आवेदक के स्वामित्व की होना जरूरी नहीं है। इसके साथ ही नदियों और तालाबों से तय दूरी के मामले में भी टीएनसीपी ने शर्तें तय कर दी है और इसका सख्ती से पालन कराने के निर्देश टीएनसीपी के अफसरों को दिए हैं।

प्रमुख सचिव और ओएसडी सह आयुक्त सह संचालक नगर व ग्राम निवेश मुकेश चंद्र गुप्ता ने इसको लेकर जारी निर्देश में कहा है कि जबलपुर, देवास, पीथमपुर और मढ़ई निवेश क्षेत्रों में अगर पहले से किसी कालोनी का अनुमोदन हुआ है तो उस भूमि का एरिया भी कम से कम ढाई एकड़ होना चाहिए। इसके अलावा नए प्रकरणों में पांच एकड़ से कम भूमि पर विकास अनुज्ञा जारी नहीं होगी। इसमें यह भी कहा गया है कि पूरी भूमि आवेदक के स्वामित्व की होना आवश्यक नहीं होगा।

साथ ही कहा है कि अगर संबंधित क्षेत्र चारों तरफ से पहले से विकसित है तो यह शर्त लागू नहीं होगी। गुप्ता ने विकास अनुज्ञा को लेकर दिए निर्देश में यह भी कहा है कि धारा 16 (3) में पेश आवेदन में क्लियर एरिया तीन हेक्टेयर से अधिक हो तो ऐसे आवेदन को संभागीय संयुक्त संचालक नगर व ग्राम निवेश को भेजा जाएगा। इस भूमि पर विकास के साथ मुख्य मार्ग का विकास तथा एसटीपी और सीवेज के निस्तारण समेत बाह्य विकास की व्यवस्था होगी।

अन्य निवेश क्षेत्रों के लिए यह शर्तें
निर्देशों में कहा गया है कि अन्य निवेश क्षेत्रों के लिए कालोनी विकास के लिए कम से कम डेढ़ एकड़ क्लियर एरिया होना चाहिए। यहां पूर्व से अनुमोदित कालोनी से लगी भूमि का क्लियर एरिया एक एकड़ से कम नहीं होगा। यहां पहुंचने के लिए कम से कम 9 मीटर चौड़ाई वाला मार्ग जरूरी है। आवासीय कालोनी से भिन्न विकास अनुज्ञा जारी करने के लिए मध्यप्रदेश भूमि विकास नियम 2012 के आधार पर ही कार्यवाही के लिए कहा गया है। यह भी निर्देश दिए गए हैं कि अगर विकास योजना तैयार करने का काम किसी क्षेत्र का चल रहा है तो भविष्य की दृष्टि से मार्ग, जल निकाय, जल स्त्रोत व अन्य अधोसंरचनाओं का ध्यान रखना होगा।

यहां परमिशन नहीं दे सकेंगे टीएनसीपी अफसर
नगर व ग्राम निवेश के अफसरों से कहा गया है कि ऐसी भूमि जो वन क्षेत्र या पौधरोपण में स्थिति है या जिसका ढलान 10 प्रतिशत से अधिक है या जो किसी नाले से 9 मीटर के भीतर स्थित है वहां विकास अनुज्ञा नहीं दी जा सकेगी। साथ ही नदी से 30 मीटर या विकास योजना में प्रावधानित क्षेत्र के भीतर और निवेश क्षेत्र में मौजूद तालाबों से 15 मीटर या विकास योजना में तय क्षेत्र के भीतर विकास अनुज्ञा जारी नहीं हो सकेगी। भोपाल और इंदौर में विकास अनुज्ञा के लिए पूर्व में जारी निर्देशों के आधार पर कार्यवाही की जा सकेगी।