नई दिल्ली
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के खिताबी मुकाबले का दूसरा दिन भी कंगारुओं के नाम रहा। ऑस्ट्रेलिया अब धीरे-धीरे अपने एक और आईसीसी खिताब की तरफ कमद बढ़ा रही है। उनके इस काम में मदद भारतीय टीम समेत पूरी कायनात कर रही है। जी हां, लंदन के केनिंगटन ओवल में जारी इस मुकाबले के पहले दिन जहां पिच बल्लेबाजों के लिए कारगर दिखाई दे रही थी, वहीं दूसरे दिन पिच ने अपना रंग ही बदल लिया। ओवरकास्ट कंडीशन ना होने के बावजूद गेंदबाजों को भरपूर मदद मिली और पूरे दिन में कुल 12 विकेट गिरे। पिच के इस बदलते रंग का खामियाजा भारत को उठाना पड़ा और दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक टीम इंडिया ने 151 रनों पर अपने 5 विकेट गंवाए। भारत अभी भी ऑस्ट्रेलिया से 318 रन पीछे हैं। यहां सारा कसूर पिच का नहीं है, भारतीय बल्लेबाजी में भी काफी खामियां देखने को मिली।
डब्ल्यूटीसी के फाइनल मुकाबले के पहले दिन जहां भारत ने ऑस्ट्रेलिया को बल्लेबाजी का न्यौता दिया था तो कंगारुओं ने 3 विकेट के नुकसान पर बोर्ड पर 327 रन लगा दिए थे। ट्रेविस हेड ने शतक ठोका था तो स्टीव स्मिथ ने 95 रनों की नाबाद पारी खेली थी। उस समय ऐसा लग रहा था कि इस पिच पर बल्लेबाजी करना कितना आसान है। मगर जैसे ही दूसरे दिन की शुरुआत हुई तो पिच ने अपना रंग ही बदल लिया। गेंदबाजों को पिच से भरपूर मदद मिलने लगी। कड़कती धूप के बावजूद ड्यूक की गेंद हवा में तैर रही थी। ओवल टेस्ट के दूसरे दिन पहले दिन से कम रन बने और विकेट भी कई ज्यादा गिरी। दूसरे दिन कुल 293 रन बने और 12 विकेट भी गिरी। इनमें 7 विकेट ऑस्ट्रेलिया की तो 5 विकेट भारत की थी।
स्टीव स्मिथ और ट्रेविस हेड को छोड़ दिया जाए तो भारतीय बल्लेबाजों के साथ ऑस्ट्रेलियाई बैटिंग यूनिट ने भी अपने खेमे को खूब निराश किया। स्टीव स्मिथ और ट्रेविस हेड के बीच चौथे विकेट के लिए जहां 285 रनों की साझेदारी हुई थी, वहीं ऑस्ट्रेलिया के 9 अन्य साझेदारी 184 रन की रही थी। भारतीय खेमे में भी कुछ ऐसा ही हाल देखने को मिला। रविंद्र जडेजा और अजिंक्य रहाणे ने मिलकर 71 रनों की पार्टनरशिप की थी, वहीं अन्य साझेदारारियों 80 रनों की ही रही।