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बिहार में पुल के गिरने से अपनों के निशाने आ गए नीतीश, RJD और JDU ने उठा दिए सवाल

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पटना

यह तो आम बात है कि जिस सरकार के रहते पुल-पुलिया टूट जाए या कोई सरकार के मंत्री भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाए तो समझ लीजिए विपक्ष को पूरी खुराक मिल गई। वह हमलावर अंदाज में सरकार को कठघरे में खड़ा कर सकता है। लेकिन चौंकाने वाली बात तब है जब सत्ताधारी दल ही अपनी सरकार पर पानी पी-पी कर अपना गुस्सा निकालें। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) इन दिनों अपनों के निशाने पर हैं। अगुवानी सुल्तानगंज पुल धराशायी (Sultanganj Aguwani Bridge Fall Case) क्या हुआ आरजेडी और जेडीयू के विधायक ही अपनी सरकार पर हमलावर हो गए हैं।

फिर नाराज हैं पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह
जिस तरह ताश के पत्ते की तरह भागलपुर-सुल्तानगंज में अगुवानी घाट पुल भरभराकर गिरा नीतीश कुमार अपनों के निशाने पर आ गए हैं। पूर्व मंत्री और आरजेडी के विधायक सुधाकर सिंह (Sudhakar Singh) ने साफ तौर पर पुल गिरने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहरा दिया है। उन्होंने कहा पहले भी नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही पुल ढहा था और दूसरी बार भी उन्हीं के नेतृत्व में पुल गिरा है। इसलिए वो ही इस घटना के लिए जिम्मेदार हैं। बड़ा दिल दिखाकर सीएम नीतीश को गलती स्वीकार करनी चाहिए।

सुधाकर सिंह ने आगे कहा कि मेरी जानकारी के मुताबिक इस घटना के लिए किसी अधिकारी पर दोष मढ़ सरकार समस्या से टाटा- बाय बाय करने वाली है। इस मामले में तो तेजस्वी यादव की भूमिका महत्वपूर्ण है कि उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कंपनी को पुल का ढांचा तोड़कर फिर से बनाना होगा। उसी खर्च पर जो सरकार ने उसे दिया है।

जेडीयू विधायक का भी टूटा भरोसा
राज्य में भारी पैमाने पर आईएएस अफसरों का तबादला किया गया। हालांकि, जेडीयू विधायक डॉ. संजीव ने पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत पर सवाल उठाया है। डॉ. संजीव ने सीधे-सीधे पुल के ध्वस्त होने का आरोप लगाते कहा कि प्रत्यय अमृत की लापरवाही से यह घटना हुई है। हमने उनसे पुल के बारे में डिटेल जानकारी दी थी। उन्होंने स्वीकार भी किया कि पुल कमजोर बना है, बावजूद इसके लिए कोई कार्रवाई ठेकेदार पर नहीं की गई। वहीं अब जब तबादला हुआ तो प्रत्यय अमृत का ट्रांसफर तो दूर उन्हें एक और विभाग की जिम्मेदारी देकर मानों नीतीश कुमार उन्हें ही चिढ़ा रहे हैं।

प्रत्यय अमृत को लेकर डॉ. संजीव का सवाल
दरअसल, नीतीश कुमार सरकार ने बुधवार को कई विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और सचिवों को बदल दिया। उन्होंने वरिष्ठ आईएएस अफसर और पथ निर्माण और स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत पर भरोसा और बढ़ा दिया। गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल ध्वस्त हुआ तो मुख्यमंत्री ने प्रत्यय अमृत को एक और विभाग की जिम्मेदारी दे दी। सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से आईएएस अफसरों के ट्रांसफर की जो अधिसूचना जारी की गई है, उसमें प्रत्यय अमृत को आपदा प्रबंधन विभाग का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। इस तरह से इनके पास तीन विभागों की जिम्मेदारी हो गई।

'भ्रष्टाचार में अब नीतीश को घेरना चाहती है RJD'
वरिष्ठ पत्रकार राकेश प्रवीर अगवानी सुल्तानगंज पुल गिरने और महागठबंधन के नेताओं की ओर से सीएम नीतीश पर अटैक को आरजेडी की रणनीति मानते हैं। आरजेडी चाहती है कि नीतीश कुमार पर भी भ्रष्टाचार के इतने आरोप लग जाएं कि वे उनके रंग में रंग जाएं। वैसे भी आईआईटी मुंबई और आईआईटी पटना की जांच टीम ने स्ट्रक्चर में ही फाल्ट बताया था। और तब काम रोक दिया गया था। बावजूद इसके उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने काम शुरू करा दिया। 2023 के मार्च में चले विधानसभा सत्र में जेडीयू के विधायक डॉक्टर संजीव, कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने अगुवानी सुल्तानगंज पुल का मसला उठाया था। तब डिप्टी सीएम ने कहा था कि पुल ठीक बन रहा है। वहीं अब जून में ही यह साबित हो गया कि इस पुल में काफी खामियां थी।

 

तो इसलिए सुधाकर सिंह को किया गया आगे
वरिष्ठ पत्रकार राकेश प्रवीर ने कहा कि नीतीश कुमार की छवि को खराब करने की अपरोक्ष रूप से आरजेडी की तरफ से साजिश चल रही है। ऐसे में आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह जैसे नेताओं का बखूबी इस्तेमाल किया जाता है। जहां तक जेडीयू विधायक डा. संजीव के विरोध का सवाल है। इसके कारण कुछ और हैं। नीतीश कुमार अधिकारियों पर ज्यादा भरोसा करते हैं। गौर करें तो पता चल जायेगा कि किस आईएएस लॉबी से नीतीश कुमार घिरे हैं। नेताओं से ज्यादा उन पर भरोसा करना नीतीश कुमार की आदत है। इसलिए पुल गिरने के बाद भी पथ निर्माण के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत पर आंच नहीं आई।