Home छत्तीसगढ़ एक धोखे से हिल जाती है ज़मीन ऐतबार की साहिब

एक धोखे से हिल जाती है ज़मीन ऐतबार की साहिब

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• महेश दुबे ‘टाटा महाराज’

##ज़िंदगी तबाह करने के लिए
भूकंप आये ज़रूरी नहीं##

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सबसे महती योजना अरपा उन्नयन को कुछ तत्व योजनाबद्ध तरीक़े से तबाह करने में लगे है। उत्खनन माफिया एवं विभागीय अधिकारियों का गठजोड़, महज एक करोड़ रुपए रेत रायल्टी सालाना आय के नाम पर प्रति सप्ताह करोड़ों रुपए कमाने वाले उत्खनन माफियाओं के गिरोह को सफेदपोश नेताओं के आशीर्वाद, खनिज विभाग की बेहतरीन कार्यप्रणाली से सेन्दरी ,कछार लोखंडी मंगला सहित शहर के बीचोंबीच बेखौफ रेत उत्खनन बेदर्दी से खुदाई कर प्रतिदिन अरपा की छाती को चीरा जा रहा है!

महीनों से घाटों के बंद होने के बावजूद प्रशासन के संज्ञान में अरपा की दशा- दुर्दशा उत्खनन के समाचार लगभग हर दिन समाचार पत्रों एवं सोशल मीडिया में प्रकाशित होने के बाद भी कोई भी बड़ी कड़ी कार्यवाही का ना होना संदेह पैदा करता है। खनिज विभाग द्वारा भी कार्यवाही के नाम पर महज ट्रैक्टरों की पकड़ा पकड़ी की जाती है, पर बड़ी मछलियों को छोड़ दिया जाता है!

उत्खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद है कि दिन-रात बेखौफ अरपा की छाती चीरकर बेदर्दी के साथ पोकलेन जेसीबी के माध्यम से रेत निकालकर आम उपभोक्ताओं को मनमाने दर पर बेची भी जा रही है। जब ठेकेदार द्वारा सरकार को रायल्टी दी जाती थी तब 14 से पंद्रह ₹100 ट्रैक्टर 6000 से 7000 के बीच हाईवा वर्तमान में अवैध उत्खनन कर सरकार को चूना लगाते हुए 2000 से 2200 रुपए में ट्रैक्टर एवं 11 से 12000 रुपए में हाईवा पर रेट बेची जा रही है। खनिज विभाग की सटीक एवं बेहतरीन कार्य प्रणाली का सबसे बड़ा सबूत यही है, पर्यावरण क्लीयरेंस के नाम पर खेले जा रहे खेल का परिणाम अरपा उन्नयन संरक्षण तटबंधन के पर्यावरण पर सबसे अधिक नुकसान पहुंच रहा है!

सवालिया निशान मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अति महत्वपूर्ण इस योजना पर पानी फेरने का काम कौन कर रहा है? क्या उत्खनन माफिया इतने शक्तिशाली है कि जिले की अति महत्वपूर्ण योजना, मुख्यमंत्री के सपने बिलासपुर की जीवनदायिनी अरपा के उन्नयन संरक्षण पर रोड़ा अटका कर प्रशासन के पुरुषार्थ को ललकार रहा है। अब तक कड़ी एवं बड़ी कार्यवाही का ना होना हमारे पुरुषार्थ को चुनौती भी है।

शहर के बीचोंबीच से बहेती अरपा के प्रति नागरिकों का स्नेह, समर्पण, प्रेम स्वाभाविक है. जनभावना है कि अरपा उन्नयन, पर्यावरण संरक्षण, वृहद वृक्षारोपण, प्रदूषण मुक्त जल, प्रकृति-सौन्दर्य के साथ बारहों महीने दिखाई दे। मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा जन भावनाओं के अनुरूप किए जा रहे कार्य पर सबसे बड़ी बाधा रेत उत्खनन की है, अरपा को पुनर्जीवित करने हेतु नदी में रेत का होना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। शहर के बीचोबीच दो बन रहे बैराज से लबालब पानी 12 महीने अरपा में दिखाई देगा। दोनों किनारों की बनाई जा रही सड़कें एवं उसकी सुंदरता शहर में चार चांद लगा देगी!
अरपा को अरपा बनाए रखने के साथ उसके पुनर्जीवित का संकल्प खुद मुख्यमंत्री ने लिया है। शहर के सामाजिक, धार्मिक,राजनीतिक, सांस्कृतिक संगठनों ने भी अरपा को बचाए रखने हेतु अरपा पे चर्चा उसकी गोद में बैठकर की। उसकी दशा एवं दुर्दशा पर गंभीर चिंतन मनन कर जनभागीदारी के तहत इसके पुनर्जीवित करने में सहायक बनने का संकल्प भी लिया है!

जरुरत है :-
लगातार किए जा रहे प्रयासों का खनन माफियाओं पर कोई असर नहीं हो रहा है। बेदर्दी से बेखौफ खुदाई कर अरपा की आंतरिक संरचना को बिगाड़ रहे है!

“चोरी और सीनाजोरी” की तर्ज पर रेत कारोबारी अवैध उत्खनन तो कर ही रहे हैं आम जनों को मनमाने दर पर रेत बेच कर जनता को त्रस्त कर रहे हैं। जरूरत समय के साथ कड़े फैसले लेने की है।

कार्रवाई के नाम पर सिर्फ पेनाल्टी से काम नहीं चलेगा नकेल कसनी पड़ेगी। पोकलेन जेसीबी हाईवा ट्रैक्टर को राजसात किया जाना चाहिए।

खनन करने वालों पर आपराधिक मामला दर्ज होगी तब ही संभव है अरपा का सवारना!
(महेश दुबे यहां अरपा बेसिन विकास प्राधिकरण के सदस्य है। अध्यक्ष मुख्य मंत्री भूपेश बघेल हैं। )