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बृजभूषण शरण सिंह से दिल्ली पुलिस ने की दो बार पूछताछ, अब तक 200 लोगों से सवाल-जवाब

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नई दिल्ली

महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपी बीजेपी सांसद और कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह से दिल्ली पुलिस ने दो बार पूछताछ की है। दिल्ली पुलिस ने मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है और अब तक इस मामले में  लगभग 200 लोगों से पूछताछ की है। जांच के सिलसिले में पुलिस ने सिंह के सहयोगियों और उत्तर प्रदेश के गोंडा में उनके आवास पर काम करने वाले लोगों के भी बयान दर्ज किए हैं। सूत्रों ने बताया है कि जल्द ही दिल्ली पुलिस कोर्ट में एक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करेगी, जिसमें अब तक की गई सभी पूछताछ का विवरण होगा। सूत्रों ने कहा कि पुलिस ने जांच के दौरान पहलवानों के हर आरोप पर गौर किया है और उस समय कथित तौर पर मौजूद लोगों से पूछताछ की है। पुलिस के मुताबिक, सांसद का बयान दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 164 के तहत दोबारा दर्ज किया गया है।

बता दें कि सात पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद  29 अप्रैल को बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दो अलग-अलग पुलिस मामले दर्ज किए गए। सात पहलवानों में  से एक नाबालिग थी। ये मामले तब दर्ज किए गए, जब सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था। दो मामलों में से एक POCSO कानून के तहत दर्ज है, जो बच्चों के यौन उत्पीड़न के खिलाफ कड़ा कानून है।

आरोपी बीजेपी सांसद सिंह को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। उन्होंने सभी तरह के आरोपों का खंडन किया है और कहा है कि उन्होंने कभी किसी पहलवान के साथ गलत काम नहीं किया है। उन्होंने पहलवानों पर फंसाने का आरोप लगाया है। उन्होंने मामले के निपटान के लिए अपने साथ पहलवानों को भी नार्को टेस्ट कराने की चुनौती दी है। जनवरी से चल रहा यह विवाद अप्रैल में तब और बढ़ गया, जब पहलवानों ने उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन किया और धरना दिया। बाद में हरियाणा के किसान और खाप पंचायत भी पहलवानों के समर्थन देने के लिए धरना में शामिल हो गए।

28 मई को, जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने नई संसद भवन का उद्घाटन किया, तब आंदोलन कर रहे पहलवानों ने उद्घाटन स्थल पर धरना-प्रदर्शन करने की योजना बनाई थी लेकिन दिल्ली पुलिस ने ऐसा करने से पहलवानों को रोक दिया। इस दौरान पुलिस द्वारा बलपूर्वक पहलवानों को रोकने के कई विजुअल्स व्यापक रूप से प्रसारित हुए थे। आरोप है कि पुलिस ने चैंपियन विनेश फोगट और उनकी चचेरी बहन संगीता फोगट के साथ इस दौरान मारपीट की और जमीन पर पटका था। इस दृश्य से देश भर में आक्रोश फैल गया था।

दिल्ली पुलिस की इस कार्रवाई के कुछ दिनों बाद, पहलवान पिछले हफ्ते,अपने मेडल गंगा में प्रवाहित करने के लिए हरिद्वार गए थे। हालांकि,किसान नेता नरेश टिकैत की दखल के बाद उन्होंने गंगा में मेडल डालने की अपनी योजना टाल दी। इसके बाद शनिवार को प्रदर्शनकारी पहलवानों में से कुछ ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ एक घंटे तक बैठक की। हालांकि, पहलवान बजरंग पुनिया ने उन अफवाहों का खंडन किया कि उनलोगों ने सरकार के साथ समझौता कर लिया है। उन्होंने कहा, "एथलीट सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं, न ही सरकार हमारी मांगों से सहमत है।"