नई दिल्ली
एशियन क्रिकेट काउंसिल यानी एसीसी पाकिस्तान के बिना एशिया कप की तैयारी कर रही है। यह एक ऐसा कदम जिसका अक्टूबर-नवंबर में भारत में होने वाले विश्व कप में बाबर आजम की टीम की भागीदारी पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। बीसीसीआई सचिव जय शाह, जो एसीसी के अध्यक्ष भी हैं, उन्होंने अन्य देशों को स्पष्ट कर दिया है कि वे पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अध्यक्ष नजम सेठी द्वारा सुझाए गए 'हाइब्रिड मॉडल' को स्वीकार नहीं करेंगे।
अहमदाबाद में सदस्य राष्ट्रों के प्रमुखों के साथ अपने हालिया अनौपचारिक विचार-विमर्श के दौरान जय शाह ने कहा कि टूर्नामेंट केवल एक स्थान श्रीलंका में आयोजित किया जाना चाहिए। पीसीबी ने एक 'हाइब्रिड मॉडल' की सिफारिश की है, जिसमें 4/5 मैच पाकिस्तान में आयोजित किए जाएंगे, जबकि बाकी सभी मैच दुबई में होंगे। इस पेशकश को बीसीसीआई ने खारिज कर दिया है। भारत ने सितंबर में यूएई में अत्यधिक गर्मी को उनके मना करने का कारण बताया है।
सूत्रों ने द टेलीग्राफ को बताया कि पाकिस्तान को एसीसी की अगली कार्यकारी बोर्ड की बैठक में स्पष्ट रूप से बताया जाएगा कि अन्य सभी भाग लेने वाले देश श्रीलंका में खेलने के लिए सहमत हो गए हैं। पीसीबी, इस संस्करण के लिए मेजबान है, लेकिन उसके प्रस्ताव के साथ कोई अन्य देश नहीं है। पाकिस्तान को श्रीलंका में खेलने या फिर टूर्नामेंट बाहर निकलने का फैसला करना होगा। अगर पाकिस्तान भाग नहीं लेता है तो भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश और अफगानिस्तान चार टीमें मैदान में होंगी। पांचवीं टीम नेपाल को शामिल किया जाएगा या नहीं, यह अभी तय नहीं है।
भारत द्वारा पाकिस्तान का दौरा करने से इनकार करने और 'हाइब्रिड मॉडल' का पालन ना करने से पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड नाखुश है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के अध्यक्ष ग्रेग बार्कले और सीईओ ज्योफ एलार्डिस वर्तमान में लाहौर में हैं और विश्व कप में भाग लेने के लिए पाकिस्तान से आश्वासन मांग रहे हैं। रिपोर्ट्स हैं कि पीसीबी ने आईसीसी प्रमुखों से कहा है कि विश्व कप में उनकी भागीदारी सरकार की मंजूरी पर निर्भर करती है।