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शहबाज शरीफ को हटाकर बिलावल भुट्टो को नया PM बना सकती है पाक सेना, क्यों ऐसी चर्चाएं

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इस्लामाबाद

पाकिस्तान में गृहयुद्ध का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। इमरान खान पर आर्मी ऐक्ट के तहत सख्त कार्रवाई होने और फांसी का खतरा मंडरा रहा है। इस बीच चीनी मीडिया की रिपोर्ट है कि पाकिस्तानी सेना बिलावल भुट्टो जरदारी को प्रधानमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट कर रही है। इसके पीछे कारण है कि सेना की नजर में इमरान खान और मौजूदा पीएम शहबाज शरीफ की चमक लगातार फीकी पड़ रही है। ऐसे में संभावना है कि पाक के नए विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी देश के अगले पीएम बन सकते हैं। सेना की नजर में बिलावल भुट्टो जरदारी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) से दल-बदलुओं को जोड़कर पार्टी को मजबूत कर रहे हैं।

पाकिस्तान में हालात इस कदर बिगड़े हुए हैं कि कब क्या कुछ हो जाए कहा नहीं जा सकता! इमरान खान और सत्ताधारी शहबाज सरकार के बीच जंग तीखी हो गई है। इस बीच पाकिस्तानी सेना बड़ा कदम उठा सकती है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट है कि सेना की नजर में बिलावल भुट्टो जरदारी का कद पिछले कुछ महीनों में काफी बढ़ा है। हाल ही में भारत दौरे पर पहुंचे बिलावल को भले ही किरकिरी का सामना करना पड़ा हो लेकिन, पाकिस्तानी मीडिया ने बिलावल को जिस तरह से प्रोजेक्ट किया वो जनता के बीच काफी लोकप्रिय हो रहे हैं।

दलबलुओं को जोड़ रहे बिलावल
रिपोर्ट है कि पाकिस्तानी मीडिया की नजर में शहबाज शरीफ अपनी नाकामी और इमरान खान अपनी हरकतों की वजह से लगातार निशाने पर है। ऐसे में इसी साल अक्टूबर महीने में होने वाले आम चुनाव में सेना बिलावल भुट्टो जरदारी को पीएम के तौर पर प्रोजेक्ट कर रही है। पाकिस्तान के विश्लेषकों का कहना है कि दलबदलुओं की मदद से पाकिस्तान की सत्ताधारी पार्टी पीपीपी ऐसे इलाकों में पैठ बना रही है, जहां वो पिछड़ रही थी। सेना का मानना है कि बिलावल भुट्टो राष्ट्रीय और प्रांतीय विधानसभाओं के पूर्व सदस्यों को पार्टी के साथ जोड़ने में जुटे हैं। पीपीपी एक दशक में पहली बार पंजाब के दक्षिणी सिंध प्रांत में मजबूत हुई है। दक्षिण सिंध प्रांत पीपीपी के लिए इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि पाकिस्तान नेशनल असेंबली की 262 निर्वाचित सीटों में से लगभग आधी सीटें यहीं पर हैं।

बिलावल बनेंगे नए पीएम उम्मीदवार!
सेना को लगता है कि सिंध और बलूचिस्तान प्रांतों में पीपीपी और उसके सहयोगी गठबंधन की ओर बढ़ रहे हैं जो अक्टूबर में होने वाले आगामी चुनाव के बाद सत्ता का संतुलन बनाए रखने के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इससे पाकिस्तान में व्यापक रूप से त्रिशंकु सरकार बनने की उम्मीद है। इस्लामाबाद स्थित राजनीतिक विश्लेषक और राज्य प्रसारक रेडियो पाकिस्तान के पूर्व महानिदेशक मुर्तजा सोलंगी ने कहा कि पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी की राजनीतिक रणनीति "एकमात्र व्यावहारिक रास्ता है जिसका वह अनुसरण कर सकते हैं"।

उनका कहना है कि "मैं बिलावल भुट्टो जरदारी को एक कमजोर गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने से इंकार नहीं कर सकता। हालांकि, इसकी संभावना बहुत कम है।" सोलंगी ने कहा, क्योंकि इसके लिए पीटीआई से दलबदल, चुनाव परिणाम और बाद में गठबंधन बनाने की आवश्यकता होगी ताकि पीपीपी के पक्ष में काम किया जा सके।