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SDM ने उद्यमी से मांगी 78 लाख की रिश्वत! पीड़ित ने सीएम योगी की ये मांग

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चित्रकूट
 उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 48 करोड़ का एमओयू साइन करने वाले चित्रकूट के उद्यमी से रिश्‍वत मांगने को मामला सामने आया है. उद्यमी ने मानिकपुर के एसडीएम पर चरित्र प्रमाण पत्र बनाने के नाम पर 78 लाख रुपये की घूस मांगने का गंभीर आरोप लगाया है. पीड़ित उद्यमी संजय कुमार अग्रवाल मानिकपुर तहसील के कस्बे के रहने वाले हैं. उन्‍होंने बताया है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 48 करोड़ का एमओयू साइन किया है. इसके लिए उन्‍होंने हैसियत प्रमाण पत्र बनवाने के लिए जिला मजिस्ट्रेट के कार्यालय में एप्‍लीकेशन डाली थी. इसके बाद मानिकपुर तहसील के एसडीएम प्रमेश श्रीवास्तव द्वारा हैसियत प्रमाण पत्र बनाने के नाम पर उनसे हैसियत की 10 फीसदी घूस देने की मांग की थी.

संजय कुमार अग्रवाल के मुताबिक, जब घूस देने से मना कर दिया तो उनकी कई महीने फाइल रोक दी. इसके बाद उन्होंने जिले के उच्च अधिकारियों से शिकायत की, तो उनका हैसियत प्रमाण पत्र बना दिया. इसके अलावा पुलिव ने उनका चरित्र प्रमाण पत्र तत्‍काल बना दिया, लेकिन राजस्व विभाग द्वारा बनने वाले चरित्र प्रमाण पत्र की फाइल का एसडीएम मानिकपुर फिर रोक लिया और 10 फीसदी घूस देने की मांग करने लगे. जब घूस देने से मना कर दिया, तो उनके ऊपर अवैध अतिक्रमण का मुकदमा दिखाकर उनका चरित्र प्रमाण पत्र न जारी करने की रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी. वहीं, प्रमाणपत्र ना बनने की वजह से वह अपना उद्योग नहीं लगा पाएंगे.

घूसखोरी के चलते यह सपना अधूरा
संजय कुमार अग्रवाल के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि क्षेत्र में रोजगार लगे और लोगों को रोजगार मिले, लेकिन उनके अधिकारियों की घूसखोरी के चलते यह सपना अधूरा रह जा रहा है. साथ ही उन्‍होंने सीएम योगी से घूसखोर एसडीएम के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. अगर कार्रवाई नहीं की जाती, तो सीएम से एमओयू कैंसिल करने की मांग की है.

आरोप बेबुनियाद मनगढ़ंत
इस मामले पर मानिकपुर के एसडीएम प्रवेश श्रीवास्तव का कहना है कि मेरे ऊपर जो आरोप लगाया जा रहा है वह बेबुनियाद और मनगढ़ंत है. संजय अग्रवाल ने तालाब की जमीन पर अवैध कब्जा कर घर बनाया है. इसका मुकदमा कोर्ट में विचाराधीन है और उनके चरित्र प्रमाण पत्र के आवेदन में एक कॉलम पर यह पूछा गया है कि आवेदक द्वारा ग्राम समाज की भूमि पर कोई कब्जा या मुकदमा तो नहीं है. उन्‍होंने इस तथ्‍य को छिपाया था और इस वजह से उनका चरित्र प्रमाण पत्र कैंसिल कर दिया है. वह खुन्नस खाकर उनके ऊपर मनगढ़ंत आरोप लगा रहे हैं. संजय अग्रवाल का नाम जिले के टॉप टेन अवैध अतिक्रमण की लिस्ट में चौथे स्थान पर है.