उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के 75 जिलों में से 29 जिले ऐसे है जिन्हें चुनाव में पूरी मेहनत करने के बाद भी न तो योगी सरकार में प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला और न ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) संगठन में जगह मिली है। जबकि इन 29 जिलों ने भाजपा सरकार की विधानसभा चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव तक पूरी मदद की। इसके बावजूद जहां कुछ बड़े जिलों के विधायक और नेता को सरकार व संगठन में जगह नहीं मिली।
बता दें कि, यूपी के 75 जिलों में सरकार और संगठन में कुल 46 जिलों को ही जगह मिली है। 52 सदस्यीय मंत्रिमंडल में 35 जिलों को प्रतिनिधित्व मिला है। 45 सदस्यीय भाजपा के प्रदेश पदाधिकारियों और छह क्षेत्रीय अध्यक्षों की टीम में भी 26 जिलों के नेताओं को ही मौका मिला है। वहीं, अवध के 13 प्रशासनिक जिलों में से अयोध्या, आंबेडकर नगर, उन्नाव, गोंडा, बलरामपुर, और श्रावस्ती को भी सरकार व संगठन में जगह नहीं मिली है। जबकि, हाल ही में हुए निकाय चुनाव तक में अयोध्या में भाजपा ने महापौर का चुनाव जीता है। नगर पालिका अध्यक्ष और नगर पंचायतों में भी भाजपा ने 2017 से अधिक सीटें जीती है।
इन जिलों को सरकार में नहीं मिली जगह
इसी के साथ कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र में झांसी, महोबा, फतेहपुर, हमीरपुर, चित्रकूट, इटावा, औरैया, फर्रुखाबाद जिले भी प्रतिनिधित्व से वंचित हैं। जबकि, झांसी नगर निगम में भी भाजपा ने चुनाव जीता है। पश्चिम क्षेत्र से हापुड़, बिजनौर, अमरोहा, बृज क्षेत्र में एटा, फिरोजाबाद, गोरखपुर क्षेत्र में बस्ती, सिद्धार्थनगर, कुशीनगर, महाराजगंज और काशी क्षेत्र में भदोही, सुल्तानपुर, मिर्जापुर, कौशांबी, चंदौली और प्रतापगढ़ जिले को भी संगठन व सरकार में जगह नहीं मिली है। जहां के विधायक और नेता सरकार में जगह मिलने से वंचित रह गए।