जैसलमेर
जैसलमेर के अमरसागर में केचमेंट एरिया में बसे हुए पाकिस्तानी हिन्दू विस्थापितों को हटाने के बाद जिला प्रशासन द्वारा उनके पुर्नवास के लिए जमीन का चयन कर लिया है. जिला मुख्यालय से करीब 5 किलोमीटर दूर मूलसागर के पास की 40 बीघा जमीन पर पाकिस्तानी हिन्दू विस्थापितों को बसाया जाएगा. यूआईटी बिजली और पानी की व्यवस्था करेगी. जमीन का चयन होने के बाद सोमवार की शाम से ही इस जमीन को समतल किए जाना शुरू कर दिया गया. काम शुरू करने से पहले पूजा-अर्चना की गई थी. फिलहाल इस जमीन पर 200 के करीब परिवार निवास कर सकेंगे.
वहीं, जमीन के चयन के बाद से ही पाकिस्तानी विस्थापितों में खुशी की लहर दौड़ गई है. विस्थापितों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाते हुए जिला कलेक्टर टीना डाबी को धन्यवाद दिया. मंगलवार को सीमांत लोक संगठन के अध्यक्ष हिन्दू सिंह सोढ़ा ने भी उस स्थान का विजिट किया और रैन बसेरा में जाकर अमरसागर से लाये गए पाकिस्तानी हिन्दू विस्थापितों से बातचीत की. राजस्थान में संभवतः यह पहला मौका है कि पाकिस्तानी हिन्दू विस्थापितों के पुर्नवास के लिए अलग से यू.आई.टी द्वारा भूमि चिन्हित कर उन्हें बसाया जा रहा है.
हटाए गए थे पाक विस्थापित हिंदुओं का अतिक्रमण
दरअसल, जैसलमेर के मूलसागर गांव में गत 16 मई को अमरसागर गांव से सरकारी भूमि पर अतिक्रमण से हटाए गए पाक शरणार्थियों को जिला प्रशासन ने 40 बीघा जमीन रहने के लिए दी है. नगर विकास न्यास (यूआईटी) ने मूलसागर गांव में ही जमीन पाक शरणार्थियों को दिखाई और उनके पसंद आने पर सबको यहीं बसाने की बात कही. कलेक्टर टीना डाबी के आदेश पर पाक शरणार्थियों के लिए 7 दिन में जगह चिह्नित कर उनको वहां बसाने के निर्देश दिए गए थे. उसी की पालना में पाक शरणार्थियों को साथ लेकर एक संयुक्त कमेटी बनाई गई थी.
खसरा नं 72 व 73 में है 40 बीघा जमीन: कलेक्टर टीना डाबी
जिला कलेक्टर टीना डाबी ने बताया कि अमरसागर में सरकारी भूमि से हटाये गए पाकिस्तानी हिन्दू विस्थापितों परिवारों के पुर्नवास हेतू जिला मुख्यालस से करीब 5 किलोमीटर दूर खसरा नं 72 व 73 में करीब 40 बीघा भूमि यू.आई.टी और पाकिस्तानी विस्थापितों की कमेटी द्वारा तय करने के बाद उन्हें जिला प्रशासन द्वारा रहने के लिए मुहैया कराई गई है. उनमें कौन निवास करेगा, यह सब विस्थापितों की कमेटी द्वारा तय किया जाएगा और परिवारों की सूची जिला प्रशासन को मुहैया कराई जाएगी.
वीजा धारियों की बनेगी लिस्ट
प्रशासन द्वारा इस संबंध में सी.आई.डी.बी.आई से वेरीफाई कर ऐसे हिन्दू विस्थापितों का पर पुर्नवास किया जाएगा. इसके अलावा इसमें यह भी जांच पड़ताल की जाएगी कि कितने परिवार लॉन्ग टर्म वीजा पर निवास कर रहे हैं और कितनों को नागरिकता मिल चुकी हैं. जिन्हें नागरिकता मिल गई हैं उनसे आवेदन लेकर उन्हें बकायदा पट्टे आवंटित किए जाएंगे.
भील बस्ती से लाई जाएगी बिजली-पानी की लाइन
जिला कलेक्टर ने बताया कि इस साल इस 40 बीघा भूमि को यू.आई.टी द्वारा रहने के लिए समतलीकरण कराने के साथ यहां पर बिजली पानी की व्यवस्थाएं अतिशीघ्र मुहैया कराई जाएंगी. चिन्हित भूमि के पास पहले से ही पाकिस्तानी विस्थापितों की भील बस्ती मौजूद है. वहां से बिजली-पानी की लाइनों को एक्सटेंट कर नई भूमि पर लाया जाएगा.
नागरिकता मिलने पर दिए जाएंगे जमीन के पट्टे
यूआईटी सचिव जगदीश आशिया से कहा कि करीब 40 बीघा जमीन पर 250 परिवारों को बसाने की योजना है. जिसको भारत की नागरिकता मिल चुकी है उनको यूआईटी पट्टे देगी. वहीं जिसको अभी नागरिकता नहीं मिली है उनके रिकॉर्ड भारत सरकार से लेकर इसी जगह पर बैठाया जाएगा और इनकी नागरिकता के लिए प्रयास किए जाएंगे. जैसे ही नागरिकता मिलेगी इनको भी पट्टे दिए जाएंगे. फिलहाल यह 50 परिवार अपना घर इस जगह पर बना सकेंगे.