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नबा कुमार उल्फा संगठन का खूखार कमांडर था, प्रदेश में तलाश रहे राजनीतिक जमीन

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भोपाल

उल्फा में शामिल रहने के दौरान कभी नबा कुमार सरानिया उर्फ हीरा का आंतक ऐसा था कि उनके सामने आने का साहस जुटाने की हिम्मत कम ही लोगों में होती थी। उन्हें इस संगठन का खंूखार कमांडर माना जाता था। बाद में उनका मन परिवर्तित हुआ और उन्होंने हथियारों को छोड़कर अपनी बात लोकतंत्र में जरिए देश के सामने रखने के लिए लोकसभा का चुनाव असम से लड़ा। वे दो बार के सांसद हैं और अब वे अपनी पार्टी को मध्य प्रदेश में सक्रिय करने के प्रयास कर रहे हैं।

अलगावादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट आॅफ असम (उल्फा) के कमांडर रहे असम के एक नेता विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश में भी अपनी राजनीतिक जमीन तलाश करने में जुटे हुए हैं। असम की कोकराझार सीट से दो बार के सांसद नबा कुमार सरानिया उर्फ हीरा सरानिया ने मध्य प्रदेश में अपनी पार्टी को सक्रिय किया है, जिसकी जिम्मेदारी उन्होंने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के पूर्व विधायक को दी है।

उनकी गण सुरक्षा पार्टी मध्य प्रदेश के साथ ही छत्तीसगढ़ के चुनाव में भाग्य अजमा सकती है। सांसद नबा कुमार सरानिया पिछले कई महीनों से मध्य प्रदेश में एक्टिव हैं, वे लगातार मध्य प्रदेश आ रहे हैं। इसी बीच उन्होंने पूर्व विधायक दरबू सिंह उइके को अपनी पार्टी की कमान प्रदेश में दी है। उनके साथ मिलकर सरानिया का फोकस प्रदेश की अनुसूचित जन जाति के लिए आरक्षित सीटों पर है । मध्य प्रदेश में 47 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। इन सीटों पर उनका सबके ज्यादा फोकस रहेगा।

709 बटालियन की थी कमान
सरानिया उल्फा की एक बटालियन की कमान संभालते थे। उनके पास 709 नंबर की बटालियन की कमान थी। उन्हें इस प्रतिबंधित  संगठन के प्रमुख परेश बरुआ के करीबी और विश्वासपात्र माना जाता था। सरानिया 1980 के दशक में उल्फा में शामिल हुए थे। जहां पर उन्हें हीरा सरानिया के नाम से जाना जाने लगा था।

उन्होंने उल्फा में शामिल होने के बाद ट्रैनिंग भी ली थी। सरानिया को खूंखार उग्रवादी माना जाता था। बताया जाता है कि 2012 में उन्होंने इस संगठन को छोड़ दिया और राजनीति में सक्रिय हो गए थे। असम से वे पहला चुनाव निर्दलीय के रूप में 2014 में जीते थे।

मध्य प्रदेश में ये हैं अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीट
चितरंगी, धौहनी, ब्यौहारी, जयसिंह नगर, जैतपुर, अनूपपुर, पुष्पराजगढ़, बांधवगढ़, मानपुर, बडवारा, सिहोरा, शाहपुरा, डिंडौरी, बिछिया, निवास, मंडला, बैहर, बरघाट, लखनादौन, जुन्नारदेव, अमरवाड़ा, पांढुर्णा, घोड़ाडोंगरी, भैंसदेही, टिमरनी, बागली, हरसूद, पंधाना, नेपानगर, भीकनगांव, भगवानपुरा, सेंधवा, राजपुर, पानसेमल, बडवानी, अलीराजपुर, जोबट, झाबुआ, थांदला, पेटलावद, सरदारपुर, गंधवानी, कुक्षी, मनावर, धरमपुरी, रतलाम ग्रामीण, सैलाना।