पटना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों नए संसद भवन के 28 मई को होने वाले उद्घाटन का नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और लालू-तेजस्वी यादव की राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) ने बहिष्कार करने का फैसला किया है। आरजेडी-जेडीयू से पहले ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) के अलावा सीपीएम और सीपीआई भी उद्घाटन समारोह का बॉयकॉट करने का ऐलान कर चुकी है। ये सारी पार्टियां संसद की प्रमुख और देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों नए भवन के उद्घाटन की मांग कर रहे हैं। संसद भवन का शिलान्यास 10 दिसंबर, 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने ही किया था और तब भी विपक्ष ने राष्ट्रपति को नहीं बुलाने पर सवाल उठाया था।
डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संसद के नए भवन का उद्घाटन करना चाहिए और चूंकि ऐसा नहीं हो रहा है इसलिए आरजेडी कार्यक्रम का बहिष्कार करेगी। आरजेडी के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने कहा कि विपक्षी दल इसलिए कार्यक्रम का बहिष्कार कर रहे हैं क्योंकि संविधान सर्वोपरि है। झा ने कहा कि कोई ऐसी चीज नहीं होनी चाहिए जिससे राष्ट्रपति पद के सम्मान में कमी आए। उन्होंने संसदीय व्यवस्था में राष्ट्रपति की सर्वोच्चता को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राष्ट्रपति के हाथों इसका उद्घाटन करवाने की अपील की है।
जेडीयू के लोकसभा सांसद सुनील कुमार पिंटू ने नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री के द्वारा करने की तैयारी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि राष्ट्रपति ही संसद का सत्र बुलाती हैं और वही लोकसभा-राज्यसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित करती हैं। उन्होंने कहा कि इसका उद्घाटन राष्ट्रपति के द्वारा होना चाहिए। प्रधानमंत्री के द्वारा संसद के नए भवन का उद्घाटन संवैधानिक व्यवस्था को दरकिनार करने की कोशिश है। पिंटू ने कहा कि राष्ट्रपति के हाथों नए संसद भवन का उद्घाटन नहीं होने की वजह से जेडीयू के सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार का निर्णय है कि पार्टी के सांसद कार्यक्रम का बहिष्कार करेंगे।
बीजेपी के पूर्व मंत्री जीवेश मिश्रा ने आरजेडी और जेडीयू द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन के बहिष्कार के फैसले पर कहा कि जो लोग आज उद्घाटन का बहिष्कार कर रहे हैं, जनता 2024 में उनका बहिष्कार कर देगी। उन्होंने कहा कि आरजेडी इसलिए बहिष्कार कर रही है क्योंकि जेडीयू और नीतीश कुमार ने ऐसा करने का फैसला लिया है।