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रेप पीड़िता की मां के खिलाफ साजिश के आरोप में भाजपा नेता निलंबित

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 बिलासपुर .

बिलासपुर में रेप पीड़िता पर दबाव बनाने और उसकी मां की गिरफ्तारी के मामले में भाजपा अल्प संख्यक मोर्चा के प्रदेश मंत्री हकीम मोहम्मद को पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया है। मामले के तूल पकड़ने के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव रविवार रात पीड़ित के घर पहुंचे थे।

साव ने रेप पीड़िता से बात कर उसकी आपबीती सुनी और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। साव ने कहा कि भाजपा पार्षद के रिश्तेदार ने मामला दर्ज कराया है इसलिए बीजेपी से उन्हें निलंबित कर दिया गया है।

रतनपुर में जिस मामले में लोगों की नाराजगी फूटी उसमें पार्षद हकीम मोहम्मद रेप के आरोपी का सगा चाचा है साथ ही, उस बच्चे का सगा मामा है, जिससे यौन शोषण का आरोप लगाकर विधवा महिला के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई गई और बिना जांच के सीधे गिरफ्तार किया गया और जेल भेज दिया गया इसी नाराजगी पर रविवार को रतनपुर बंद का आह्वान किया गया था, लेकिन बाद में हकीम मोहम्मद ने अपनी दुकान भी खोली थी, जिसे लेकर विवाद हुआ था
 
दुष्कर्म पीड़िता की मां पर काउंटर केस दर्ज करने के मामले में एक नया मामला सामने आया। आरोपी युवक के जेल जाने के बाद से ही रिश्तेदारों ने पीड़िता और उसकी मां पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था। इसी दौरान उन्होंने पीड़िता से शपथपत्र भी ले लिया। साथ ही नगर पालिका के पार्षदों से भी उसका चरित्र प्रमाणपत्र बनवा लिया गया। ताकि, आरोपी युवक को जमानत मिल सके।

इसमें कामयाबी नहीं मिली, तब पुलिस के साथ मिलकर काउंटर केस दर्ज कराकर पीड़िता की मां विधवा महिला को जेल भेज दिया गया। यही वजह है कि मामले की अब न्यायिक जांच की मांग उठने लगी है। पूरा मामला रतनपुर थाना क्षेत्र का है।

दुष्कर्म पीड़िता की मां पर काउंटर केस दर्ज कर उसे जेल भेजने की आग सुलगती जा रही है। रविवार को सामाजिक संगठनों के साथ विश्व हिंदू परिषद और व्यापारियों ने रतनपुर बंद रखा। इस दौरान रैली निकालकर विरोध-प्रदर्शन और नारेबाजी की गई। इस दौरान रतनपुर को पुलिस ने छावनी में तब्दील कर दिया और जगह-जगह पुलिस अफसर व जवान तैनात रहे।

आरोपी को बचाने रिश्तेदारों ने ऐसे रची साजिश
आरोपी आफताब मोहम्मद के जेल जाने के बाद उसके परिजनों ने समझौता करने के लिए युवती और उसकी मां पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था। इस दौरान उन्हें प्रलोभन भी देने का आरोप है। बताया जा रहा है कि जब उन्होंने समझौता करने से इंकार कर दिया, तब युवती और उसकी मां को डराया-धमकाया गया। फिर युवती से शपथपत्र बनवा लिया गया। मार्च 2023 में बने इस शपथ पत्र में युवती की ओर लिखा गया है कि उसके साथ दुष्कर्म नहीं हुआ है और वह अपने परिवार के दबाव में आकर थाने में एफआईआर दर्ज करा दी थी।

इसमें यह भी लिखा हुआ है कि अगर आरोपी को जमानत मिलती है तो वह विरोध नहीं करेगी। यह भी कहा गया है कि आरोपी ने उसके साथ किसी तरह का शारीरिक संबंध स्थापित नहीं किया है। लेकिन, इस शपथ पत्र के बाद भी आरोपी को जमानत नहीं मिलने की बात सामने आई है। बताया जा रहा है कि शपथ पत्र का बाकायदा वीडियो बनाया गया है। इसमें पीड़िता किसी होटल में आरोपी के परिजनों के साथ बैठी नजर आ रही है। इधर, युवती का कहना है कि उससे डरा धमकाकर शपथ पत्र दिलवाया गया था। वह इसके लिए राजी नहीं थी और उसमें लिखे सारे तथ्य गलत है।

युवती से लिखवाया गया दुष्कर्म के आरोपी को वह भाई मानती है
केस दर्ज होने के बाद आरोपियों ने दबाव डालकर एक चिट्ठी भी लिखवाई है, जिसमें युवक और युवती का हस्ताक्षर है। इसमें युवती की ओर से लिखा गया है कि वह दुष्कर्म के आरोपी को अपना भाई मानती है। युवक ने भी इस चिट्ठी में लिखा है कि वह उसे आज से अपनी बहन मानेगा और उसके साथ कभी अभद्र व्यवहार नहीं करेगा। यह चिट्ठी में भी युवती से दबाव डालकर हस्ताक्षर करवाया गया था।

आरोपी को बचाने पार्षदों से बनवाया गया चरित्र प्रमाण पत्र
बताया जा रहा है कि दुष्कर्म के आरोपी आफताब मोहम्मद को बचाने के लिए उसके चाचा और भाजपा नेता ने नगर पालिका के पार्षदों से एक पत्र बनवाया है, जिसमें 10 पार्षदों के हस्ताक्षर है। इसमें सभी ने आरोपी को सज्जन और सीधा सादा बताया है। नगर पालिका के पार्षदों ने इस तरह से उसका चरित्र प्रमाण पत्र दिया है। जबकि पुलिस ने ही दुष्कर्म पीड़िता को सड़क से उठाकर लाया था।