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द केरला स्टोरी के बाद रतनपुर स्टोरी

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बिलासपुर

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में आमतौर पर मारपीट जैसे छोटे-मोटे मामलों में काउंटर केस बनाने वाली पुलिस का नया कारनामा सामने आया है। इस बार पुलिस ने रेप जैसे गंभीर केस में पीड़ित लड़की की मां पर ही निशाना साधा और  काउंटर केस दर्ज कर सलाखों के पीछे भेज दिया। हालीवुड की तर्ज पर पुलिस ने अपनी इस कार्रवाई को सत्यता का अमलीजामा पहनाते हुए रेप पीड़िता की विधवा मां को बुआ के 10 साल के बच्चे के साथ अप्राकृतिक कृत्य किये जाने पर जेल भेजा जाने की बात कही इधर, रेप पीड़ित लड़की ने ञ्जढ्ढ पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मेरे केस को कमजोर करने और समझौता कराने के साथ ही रेप के आरोपी को बचाने के लिए मेरी मां को जेल भेजा गया है।

दरअसल, पुलिस की आनन-फानन में की गई यह कार्रवाई इसलिए सवालों के घेरे में है। क्योंकि दो माह पहले चार मार्च को आफताफ मोहम्मद (19) उसे खूंटाघाट घुमाने ले गया था। यहीं उसने संबंध बनाने के बाद लड़की के साथ मारपीट की। फिर रात में उसे नेशनल हाईवे में छोड़कर भाग गया। इधर, देर रात हाईवे पेट्रोलिंग की टीम ग्राम भरारी के पास घूम रही थी। तभी लड़की रोते-बिलखती लड़की दिखी। तब पुलिस ने उससे पूछताछ की, तो उसने बताया कि रतनपुर के करैहापारा निवासी आफताब मोहम्मद (19) पिता फैज मोहम्मद उसे घुमाने के लिए खूंटाघाट ले गया था और उसके जबरदस्ती दुष्कर्म किया।

चार साल पहले किया था रेप, इसलिए लगा पाक्सो एक्ट
लड़की ने पुलिस को बताया कि 4 साल पहले वह जब स्कूल में पढ़ती थी, तब उसकी पहचान आफताब से हुई थी। आरोपी ने उससे दोस्ती कर प्यार का इजहार किया था। लड़की उसके झांसे में आ गई। फिर लड़का उसे अपने साथ घुमाने ले जाने के बहाने लड़की से रेप किया था। बदनामी के डर से युवती ने किसी को इस बारे में जानकारी नहीं दी थी। इसी बात का फायदा उठाकर आरोपी उससे दुष्कर्म करता रहा।

अब दो माह बाद रेप पीड़ित लड़की की मां पर केस दर्ज कर भेजा जेल
ञ्जढ्ढ कृष्णकांत सिंह ने बताया कि रायपुर में रहने वाली महिला का दस वर्षीय बेटा स्कूल का छात्र है। वह छुट्टी में अपने रिश्तेदार के घर रतनपुर आया था। इसी दौरान एक दिन वह मोहल्ले की दुकान में फ्रूटी लेने जा रहा था, तभी विधवा महिला उसे चॉकलेट देने के बहाने अपने घर ले गई और नाबालिग बच्चे के प्राईवेट पार्ट से छेडखानी की। नाबालिग बच्चे के रोने पर किसी को यह बात बताने पर जान से मारने की धमकी दी गई, जिससे बच्चा सदमे में आ गया था। बाद में बच्चे की मां रतनपुर आई और उसे लेकर रायपुर चली गई। वहां उसका बेटा गुमसुम और डरा-सहमा रहने लगा। बेटे से पूछने पर उसने आप बीती बताई। इसके बाद उसे रतनपुर लाकर उस महिला की पहचान कराई, तब वह महिला को देखकर रोने लगा। पुलिस ने बच्चे की मां की शिकायत विधवा महिला के खिलाफ धारा 377, 506 और 4-12 पोक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कर महिला को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि हम दोनों केस को अलग-अलग नजरिए से देख रहे हैं।

भाजपा नेता और पार्षद है करीबी रिश्तेदार
इस पूरे मामले में पता चला है कि रेप पीड़ित युवक का करीबी रिश्तेदार भाजपा नेता और पार्षद है। जब रेप का केस दर्ज हुआ, तब ये बताकर भी परिवालों पर दबाव बनाने की कोशिश की गई। लेकिन, परिजन दबाव में नहीं आए। आखिरकार पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। अभी भी आरोपी जेल में है।

बाल कल्याण समिति की नहीं ली राय, न ही कराई काउंसिलिंग
आमतौर पर छोटे बच्चे और बच्चियों के साथ इस तरह से अप्राकृतिक कृत्य का मामला सामने आने पर पुलिस बाल कलयाण समिति की राय लेती है। साथ ही बच्चों की काउंसिलिंग भी कराई जाती है। विशेषकर जब मामला संवेदनशील हो और करीबियों के सिखाने की आशंका हो तो पहले निष्पक्ष जांच के बाद ही कार्रवाई की जाती है। चूंकि, इस केस में रेप पीड़ित बच्ची की मां पर आरोप लगा है, जिससे इस केस में इंटेन्शन साफ दिख रहा है। लेकिन, फिर भी पुलिस ने बिना काउंसिलिंग के ही इस केस में आनन-फानन में केस दर्ज कर सीधे रेप पीड़ित लड़की की विधवा मां को गिरफ्तार कर लिया।

लड़की ने कहा पहले समझौता करने बनाया दबाव बात नहीं बनी तो पुलिस के साथ मिलकर फंसाया
रेप पीड़ित लड़की ने बताया कि केस दर्ज कराने के बाद से उन्हें डराया-धमकाया गया। इसके साथ ही पैसों का लालच देकर समझौता कराने की कोशिश की गई। लेकिन, मैं और मेरी मां तैयार नहीं हुए, तब टीआई के साथ मिलकर उनकी मां पर झूठे आरोप लगाकर केस बना दिया गया है। इस मामले में पुलिस और आरोपी के परिवारवाले मिले हुए है और उनकी मां को जेल भेजा गया है। हम गरीब हैं, हमारा कोई नहीं है, इसलिए इस तरह से साजिश रची गई है।

परिवार में नहीं है कोई पुरुष सदस्य
दरअसल, रेप पीड़िता लड़की के पिता की मौत हो चुकी है। वह अपनी मां के साथ रहती है। घर में कोई पुरुष सदस्य नहीं है। लड़की का आरोप है कि इस केस में पुलिस और आरोपी पक्ष को परिवार में फंसाने के कोई नहीं मिला, इसलिए उसकी मां पर ही घिनौना केस बना दिया गया है।