लखनऊ
केंद्रीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार 19 मई को 2000 रुपए के नोट को चलन से बाहर कर दिया। 2 हजार के नोट को चलने से बाहर किए जाने पर उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी अध्यक्ष मायावती की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। करेन्सी व उसकी विश्व बाजार में कीमत का सम्बंध देश का हित व प्रतिष्ठा से जुड़ा होने के कारण इसमें जल्दी-जल्दी बदलाव करना जनहित को सीेधे तौर पर प्रभावित करता है। इसीलिए ऐसा करने से पहले इसके प्रभाव व परिणाम पर समुचित अध्ययन जरूरी। सरकार इस पर जरूर ध्यान दे।
वहीं, इससे पहले सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी 2 हजार के नोट को चलने से बाहर किए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया था कि, 'कुछ लोगों को अपनी गलती देर से समझ आती है… 2000/- के नोट के मामले में भी ऐसा ही हुआ है लेकिन इसकी सज़ा इस देश की जनता और अर्थव्यवस्था ने भुगती है। शासन मनमानी से नहीं, समझदारी और ईमानदारी से चलता है।
बता दें, शुक्रवार 19 मई को आरबीआई ने 2000 रुपए के नोट चलने से बाहर करना का फैसला लिया था। इसको लेकर एक एडवाइडरी भी आरबीआई ने बैंकों के लिए जारी की है। दो पन्ने की इस एडवाइजरी में केंद्रीय बैंक ने कहा कि सभी बैंकों को सलाह दी जाती कि वे 2000 के नोट किसी को ना दें।
इस आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए। वहीं जनता में अफरा-तफरी ना मचे, इसके लिए आरबीआई ने साफ किया कि अभी 2000 का नोट भारत की वैध मुद्रा है। जिसके पास ये नोट हैं, वो 30 सितंबर तक बैंकों में जमा कर सकते हैं।
आरबीआई के मुताबिक, कोई भी शख्स किसी भी बैंक में जाकर 2000 रुपये के नोट बदलकर अन्य करेंसी ले सकता है। अभी नोट बदलने की सीमा 20 हजार रुपये है।