नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को निर्देश दिया है कि वह भय का माहौल ना बनाएं। दरअसल छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से कहा गया है कि प्रदेश में आबकारी विभाग के कई अधिकारियों को धमकी दी गई है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को शराब अनियमितता केस में फंसाया जा सकता है। जस्टिस एसके कौल और ए अमानुल्लाह की बेंच की ओर से यह टिप्पणी छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान आया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने वीएमजेड चैंबर्स के माध्यम से याचिका दायर की है है कि इस मामले में हमे पक्षकार बनाया जाए। सरकार ने आरोप लगाया है कि प्रदेश के कई एक्साइज अधिकारियों को ईडी की ओर से धमकी दी गई है, उनके परिवार को गिरफ्तार किए जाने की धमकी दी गई है, यही नहीं ये लोग मुख्यमंत्री को भी फंसाने की कोशिश कर रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले ही शरद पवार ने कर दी थी भविष्यवाणी! कोर्ट ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय को भय का माहौल नहीं बनाना चाहिए। इस तरह का बर्ताव इस पूरे मामले में असल वजह पर संदेह खड़ा कर रहा है।