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मौलाना, मिलिट्री और इमरान… गृहयुद्ध की तरफ बढ़ता पाकिस्तान, सुप्रीम कोर्ट के सामने जो हुआ, वो डरावना है

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पाकिस्तानी
 पाकिस्तान में हालात धीरे धीरे गृहयुद्ध की तरफ बढ़ते जा रहे हैं और कोई भी अपना कदम पीछे लेने को तैयार नहीं हो रहा है। पिछले हफ्ते इमरान खान के समर्थकों ने देश में भीषण उत्पात मचाया था और अब सेना ने भी अपना दम दिखाना शुरू कर दिया है। पाकिस्तान की सर्वोच्च अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी को अवैध करार दे दिया, जिसके बाद हाईकोर्ट की तरफ से उन्हें जमानत मिल गई, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ ही सरकार खड़ी हो गई है। एक तरफ पाकिस्तानी संसद में चीफ जस्टिस को हटाने की तैयारी शुरू हो गई है, जबकि दूसरी तरफ पाकिस्तानी सेना ने अपने ग्रुप को भी एक्टिवेट कर दिया है, जो कल रात हजारों की संख्या में सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।

इमरान को औकात दिखाने की कोशिश?
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल ने इमरान खान की गिरफ्तारी को अवैध ठहराया था, जिनकी सास इमरान खान की पार्टी की बड़ी नेता हैं। लिहाजा, शहबाज शरीफ सरकार का कहना है, कि चीफ जस्टिस सुप्रीम कोर्ट के अंदर बैठकर राजनीति कर रहे हैं और उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। शहबाज शरीफ ने पाकिस्तानी संसद में बकायदा एक प्रस्ताव पास कराया है, जिसके जरिए चीफ जस्टिस को बर्खास्त किया जाएगा। इसके लिए शहबाज सरकार ने एक कमेटी का भी गठन कर दिया है, जिसमें चीफ जस्टिस को हटाने की पूरी प्रक्रिया तैयार की जाएगी।

दूसरी तरफ अब आर्मी ने इमरान खान को ये दिखाना शुरू कर दिया है, कि सिर्फ उनके पास ही समर्थक नहीं हैं, आर्मी के पास भी लाखों लोग हैं, जो एक इशारे पर पाकिस्तान में आग लगा सकते हैं, जो कल सुप्रीम कोर्ट के सामने हुआ भी है। कल पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट के सामने हजारों लोग जुटे थे, जो लगातार चीफ जस्टिस के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। दर्जन भर कार्यकर्ता तो सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर चढ़ते हुए भी दिखाई दिए। ये सभी कार्यकर्ता जेयूआई-एफ के थे, जिसके प्रमुख का नाम मौलाना फजलुर रहमान है।

मौलाना फजलुर रहमान, आर्मी के मोहरे हैं, जिन्हें जरूरत पड़ने पर आर्मी अपने लिए इस्तेमाल करती है और इस बार आर्मी ने इमरान खान को सबक सिखाने के लिए उन्हें सड़क पर उतारा है। मौलाना फजलुर रहमान, पाकिस्तान की गठबंधन सरकार, जिसे पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट यानि पीडीएम कहा जाता है, उसके प्रमुख हैं, जो सालों से पाकिस्तान में सैकड़ों मदरसों का संचालन करते हैं।

मौलाना फजलुर रहमान के मदरसे में ही सैकड़ों तालिबानी नेताओं को इस्लामिक तालीम दी गई है, लिहाजा आप समझ सकते हैं, कि जरूरत पड़ने पर मौलाना फजलुर रहमान कितना खतरनाक हो सकता है। सोमवार को दिन भर के धरने के बाद समर्थकों को संबोधित करते हुए मौलाना फजलुर रहमान ने सुप्रीम कोर्ट को सुधरने की चेतावनी दी और कहा, कि "अगर जरूरत पड़ी तो हम फिर से इस्लामाबाद आएंगे।"

सुप्रीम कोर्ट के सामने क्या हुआ…
मौलाना फजलुर रहमान को सड़क पर उतारकर आर्मी ने इमरान खान को साफ इशारा कर दिया है, कि आदमी बस उनके ही पास नहीं हैं। पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया है। उस वीडियो में उन्होंने इसी बात की आशंका जताई है। उन्होंने जो वीडियो शेयर किया है, उसमें हजारों लोगों को सुप्रीम कोर्ट के सामने 'लब्बैक लब्बैक' के नारे लगाते हुए देखा जा सकता है।