नई दिल्ली
अगर आप दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर सफर कर रहे हैं तो पेट्रोल की दिक्कत खड़ी हो सकती है। एक्सप्रेसवे के लंबे हिस्से में कहीं कोई पेट्रोलपंप नहीं है। इससे कई बार उन लोगों के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है, जो गाड़ी में कम ईंधन के साथ चलते हैं। उधर, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर भी छह में से तीन ही पेट्रोल पंप चल रहे हैं, जिससे नोएडा से सोनीपत की तरफ जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इन्हीं दिक्कतों को देखते हुए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने सभी संबंधित एजेंसियों को दो महीने का लक्ष्य दिया है, जिसमें उन्हें निर्माण से लेकर सभी एनओसी प्राप्त कर पेट्रोल पंप चलाने होंगे।
135 किलोमीटर लंबे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को पांच वर्ष पहले यातायात के लिए खोला गया था। उस वक्त लक्ष्य रखा गया था कि एक वर्ष के अंदर एक्सप्रेसवे किनारे छह स्थानों पर पेट्रोल पंप, ढाबे, रेस्टोरेंट और वाहनों की मरम्मत के लिए वर्कशॉप खुल जाएगी, लेकिन समय गुजरता चला गया है और एजेंसियों ने आगे कोई काम नहीं किया। तमाम जद्दोजहद के बाद नोएडा की सीमा में दो और गाजियाबाद की सीमा में मुरादनगर के पास एक पेट्रोल पंप ही खुल सका, लेकिन अब सड़क किनारे जनसुविधा को लेकर एनएचएआई सख्त है। उसने उन तमाम एजेंसियों को अंतिम नोटिस दे दिया है, जिन्हें पेट्रोल पंप, होटल व अन्य जनसुविधा विकसित करने का काम मिला था। एजेंसियों से कहा गया है कि अगर दो महीने के अंदर जनसुविधा विकसित करके लोगों को सुविधा नहीं दी गई तो प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा।
241 किलोमीटर लंबे हिस्से में अभी सुविधाओं की कमी
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को इस वर्ष की शुरुआत में गुरुग्राम के सोहना से राजस्थान के दौसा तक यातायात के लिए खोला गया था। कुल 241 किलोमीटर लंबे हिस्से में वाहन दौड़ रहे हैं, जिसके बदले उनसे टोल वसूली भी की जा रही है। हालांकि पेट्रोल पंप खोलने का काम चल रहा है, लेकिन अब एनएचएआई ने कहा है कि इसे तेजी से पूरा किया जाए, जिससे यात्रियों को मिलने वाले जनसुविधा का विस्तार हो। एनएचएआई के एक अधिकारी कहते हैं कि अब एक्सप्रेसवे पर तेजी से जनसुविधा कैसे विकसित की जाएं, इसी पर काम हो रहा है। इसलिए लगातार कंपनियों के साथ समीक्षा की जा रही है कि वो पेट्रोल पंप समेत अन्य जनसुविधा कितनी जल्दी विकसित कर रही हैं। शौचालय, पेयजल और रेस्टोरेंट कुछ जगहों पर चालू हो गए हैं, लेकिन पेट्रोल पंप कुछ ही जगहों पर अभी चले हैं।