लखनऊ
लखनऊ नगर निगम सदन में इस बार लगभग 32 पुराने चेहरे ही दिखाई देंगे। लगभग 78 नए चेहरों को शहर की मतदाताओं ने मौका दिया है। नए निर्वाचित पार्षदों के लिए नगर निगम सदन राजनीति की पाठशाला साबित होगा।
इस बार परिसीमन से तमाम पार्षद पहले ही चुनावी रेस से बाहर हो गये थे। जबकि कुछ ने अपनी पत्नी, भाई, मां, भाभी को चुनाव में उतारा था। इनमें से काफी चुनाव जीत गये। कुछ पुराने पार्षद चुनाव भी हार गए। उनके चुनाव हारने से नए लोगों को मौका मिला है। नगर निगम ने रविवार को पार्षदों की नई सूची का परीक्षण किया तो पता चला कि पिछले सदन के कुल 110 पार्षदों में से केवल 32 पार्षद ही इस बार सदन पहुंचे हैं। बाकी के 78 नए पार्षद इस बार जीते हैं। हालांकि इनमें से कुछ पूर्व में पार्षद रह चुके थे।
2017 के यह पुराने पार्षद ही इस बार सदन में दिखेंगे
अमित चौधरी, रामनरेश, ममता चौधरी, मधु सिंह, रेखा सिंह, सुशील तिवारी, नागेंद्र सिंह, देवेंद्र सिंह, कौशल शंकर पांडेय, हरीश चंद्र लोधी, सफीकुर्रहमान, कौशलेंद्र द्विवेदी, चरणजीत गांधी, राघव राम तिवारी, भृगुनाथ शुक्ला, सैयद यावर हुसैन रेशू, प्रदीप शुक्ला, संजय राठौर, अजय दीक्षित, देव शर्मा मिश्रा, मोहम्मद हलीम, राजेश दीक्षित, रानी कनौजिया, मुकेश सिंह मोंटी, कामरान वेग, अरुण तिवारी, इफहाम उल्लाह, मोहम्मद नईम, लाइक आगा, पृथ्वी गुप्ता तथा मुसब्बर अली सहित कुछ अन्य पार्षद ही पुराने सदन में दिखेंगे।