नई दिल्ली
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अगले महीने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला खेला जाना है। इस मैच से आईसीसी ने क्रिकेट के एक बड़े नियम को बदलने का फैसला लिया है जिसकी आलोचना काफी समय से हो रही थी। यह नियम है सॉफ्ट सिगनल का। इस नियम को लेकर पिछले काफी समय से बवाल चल रहा है। किसी खिलाड़ी के आउट होने या ना होने पर जब मैदानी अंपायर कन्फर्म नहीं होता था तो वह थर्ड अंपायर की मदद लेता था, मगर थर्ड अंपायर भी चैक करने से पहले मैदानी अंपायर से उनका फैसला पूछता था। अगर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर थर्ड अंपायर को भी पुख्ता सबूत नहीं मिलते थे तो वह मैदानी अंपायर के सॉफ्ट सिगनल के साथ ही जाता था। मगर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले से यह नियम बदल जाएगा और मैदानी अंपायर के सॉफ्ट सिगनल के बिना थर्ड अंपायर को अपना फैसला सुनाना होगा।
क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार सौरव गांगुली की अगुवाई वाली आईसीसी क्रिकेट समिति ने इस नियम पर मोहर लगा दी है और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की फाइनलिस्ट टीम भारत और ऑस्ट्रेलिया को इसके बारे में भी बता दिया गया है। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच डब्ल्यूटीसी का फाइनल मैच 7 से 12 जून के बीच इंग्लैंड के ओवल में खेला जाना है।
कुछ समय पहले इंग्लैंड टेस्ट टीम के कप्तान बेन स्टोक्स ने सॉफ्ट सिगनल के नियम की आलोचना की थी। ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के बीच हुए एक मैच में सॉफ्ट सिगनल की वजह से काफी बवाल हुआ था। उस समय स्टोक्स ने ट्वीट करते हुए लिखा था 'ICC को सॉफ्ट सिग्नल से छुटकारा या हटाना चाहिए और तीसरे अंपायर को निर्णय लेने के लिए सभी तकनीक रखने की अनुमति देनी चाहिए। जब ऑन फील्ड अंपायर इस तरह के फैसले को ऊपर भेजते हैं, तो सारा विवाद हमेशा दिए गए सॉफ्ट सिग्नल के आसपास होता है।' इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अगर डब्ल्यूटीसी फाइनल के दौरान प्राकृतिक रोशनी कम होती है तो फ्लड लाइट्स का इस्तेमाल किया जाएगा।