Home मध्यप्रदेश नेशनल लोक अदालत में हुआ 719 प्रकरणों का निराकरण किया गया

नेशनल लोक अदालत में हुआ 719 प्रकरणों का निराकरण किया गया

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न्यायालय में नेशनल लोक अदालत एक उत्सव के रूप में मनाया जाना चाहिए जिससे कि प्रकरणों का निराकरण जल्दी हो सके – प्रधान जिला न्यायाधीश श्री पाण्डेय

 राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं मध्यप्रदेश राज्य

विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार तथा प्रधान जिला न्यायाधीश श्री संजीव कुमार पाण्डेय के मार्गदर्शन में दिनांक

सीधी
 13 मई 2023 को जिला न्यायालय सीधी एवं सिविल न्यायालय चुरहट, रामपुर नैकिन तथा मझौली में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ प्रधान जिला न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री संजीव कुमार पाण्डेय, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री बृजेन्द्र सिंह, कलेक्टर श्री साकेत मालवीय, पुलिस अधीक्षक डाॅ. रविन्द्र वर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. आई. जी. गुप्ता एवं अन्य न्यायाधीशगण द्वारा जिला न्यायालय परिसर में दीप प्रज्वलन कर किया गया।

प्रधान जिला न्यायाधीश श्री पाण्डेय ने अपने उद्बोधन में कहा कि जस्टिस पी.एन. भगवती द्वारा लोक अदालत का कॉन्सेप्ट दिया गया है। नेशनल लोक अदालत के माध्यम से दोनों पक्षों के बीच समझौते के आधार पर निराकरण हो जाता है जिसके बाद दोनों पक्षों में आपसी वैमनस्यता समाप्त हो जाती है। श्री पाण्डेय ने पुराने जमाने में होने वाले पंचों के फैसले का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे दोनों पक्ष पंचो के फैसले का सम्मान करते थे और आपस में सौहार्द की भावना रहती थी तथा दोनों पक्ष पंच के फैसले से संतुष्ट होते थे। श्री पाण्डेय ने  कहा कि न्यायालय में नेशनल लोक अदालत एक उत्सव के रूप में मनाया जाना चाहिए जिससे कि प्रकरणों का निराकरण जल्दी हो सके। श्री पाण्डेय ने अधिवक्तागण से प्रकरणों का जल्दी निराकरण करने की अपील की एवं अभिभाषकगण से सहयोग की अपेक्षा की।

 कलेक्टर श्री साकेत मालवीय ने कहा कि नेशनल लोक अदालत के माध्यम से दोनों पक्षों के बीच आपसी सहमति होती है और दोनों ही पक्ष जीता हुआ महसूस करते हैं। लोक अदालत विवादों के निराकरण की अच्छी व्यवस्था है, लोक अदालत की विशेषता ये भी है जो 20-25 वर्षों से चले आ रहे मामले जो आगे जाकर कोई गंभीर अपराध का रूप ले सकते हैं, उन्हें शुरूआती स्थितियों पर ही समाप्त किया जा सकता है। लोक अदालत आंतरिक शांति एवं व्यवस्था की तरफ एक अच्छा प्रयास है।

पुलिस अधीक्षक डाॅ. रविन्द्र वर्मा ने कहा कि लोक अदालत त्वरित न्याय दिलाने का माध्यम है, लोक अदालत के माध्यम से निर्धन व्यक्यिों के लिए भी न्याय सरल एवं निःशुल्क हो जाता है, लोक अदालत के मध्यम से अदालतों में लम्बित प्रकरणों की संख्या और भार कम होता है। इसकी सबसे अच्छी बात ये है कि इसमें कोर्ट फीस वापस हो जाती है।

 अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री बृजेन्द्र सिंह ने कहा कि यह लोक अदालत इस वर्ष की दूसरी लोक अदालत है और लोक अदालत को सफल बनाने में वकीलों का अहम योगदान रहा है। समझौता एक ऐसा विकल्प है जिसमें आगे होने वाली लड़ाई समाप्त हो जाती है। एक स्वच्छ समाज की कल्पना के लिए ये एक अच्छा माध्यम है। श्री सिंह ने अभिभाषकगण को अंतिम समय तक लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों का निराकरण करने हेतु बल दिया।

    जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव श्रीमती कविता दीप खरे ने नेशनल लोक अदालत के बारे में विस्तार से बताया तथा यह भी बताया कि लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों का निपटारा आसानी से एवं जल्दी हो जाता है। जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री सिद्धार्थ शुक्ला ने शुभारंभ कार्यक्रम में उपस्थित हुये समस्त अतिथियों का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती कविता दीप खरे सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विशेष न्यायाधीश श्री प्रशांत कुमार निगम, प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय श्री सुधीर सिंह चौहान, प्रथम जिला न्यायाधीश श्री मुकेश कुमार, द्वितीय जिला न्यायाधीश श्री राजेश कुमार श्रीवास्तव, चतुर्थ जिला न्यायाधीश श्री गौतम कुमार गुजरे, तृतीय अतिरिक्त जिला न्यायाधीश सुश्री उर्मिला यादव, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती कविता दीप खरे, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री पुष्पक पाठक, न्यायाधीशगण सर्वश्री, लवकेश सिंह, श्रीमती शोभना मीणा, श्रीमती रेणु श्रीवास्तव, सुश्री सोनम रघुवंशी, अभिषेक साहू, अनिरूद्ध कुमार उछारिया, प्रशांत पाण्डेय, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष श्री बृजेन्द्र सिंह बघेल तथा अधिवक्तागण श्री श्री उदयकमल मिश्रा, श्री ओमप्रकाश श्रीवास्तव, श्रीमती निशा सक्सेना, श्रीमती तारा वर्मा, सहित समस्त अधिवक्तागण तथा विद्युत विभाग, बैंक एवं नगरीय निकाय के प्रशासनिक अधिकारीगण, प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के सदस्य एवं जिला न्यायालय तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कर्मचारीगण उपस्थित रहे।     
                             
   जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री सिद्धार्थ शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि नेशनल लोक अदालत में प्रकरणों के निराकरण हेतु जिला मुख्यालय सीधी में 14 खण्डपीठें, व्यवहार न्यायालय चुरहट में 03, मझौली में 02 व रामपुर नैकिन में 02 खण्डपीठें गठित की जाकर कुल 21 न्यायिक खण्डपीठें गठित की गई थी। नेशनल लोक अदालत में समझौता योग्य आपराधिक, सिविल, विद्युत अधिनियम, श्रम, मोटर दुर्घटना दावा, निगोशियेबल इस्ट्रूमेन्ट एक्ट के अन्तर्गत चेक बाउंस प्रकरण, कुटुम्ब न्यायालय तथा, नगर पालिका के जलकर से संबंधित प्रकरणों के सहित विद्युत वितरण कम्पनी, समस्त बैंकों के ऋण वसूली मुकदमा पूर्व प्री-लिटिगेशन के प्रकरण इस लोक अदालत में निपटारे हेतु रखे गये।

         सीधी, चुरहट, रामपुर नैकिन एवं मझौली में आयोजित हुई नेशनल लोक अदालत में न्यायालयों में लम्बित कुल 4566 प्रकरण निराकरण हेतु रखे गये जिनमें 369 प्रकरणों का सफलतापूर्वक निराकरण किया गया। इसी प्रकार कुल 2308 प्री-लिटिगेशन प्रकरण निराकरण हेतु रखे गये जिनमें 350 प्रकरणों का सफलतापूर्वक निराकरण किया गया। इस प्रकार नेशनल लोक अदालत में कुल 719 प्रकरणों का निराकरण हुआ। मोटर दुर्घटना दावा के अन्तर्गत 20 क्लेम प्रकरण निराकृत किये गये जिसमें पक्षकारों को तेईस लाख छत्तीस हजार तीन सौ बहत्तर रूपये की क्षतिपूर्ति राशि प्राप्त हुई। विद्युत अधिनियम से संबंधित एवं न्यायालय में लंबित 68 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमें छः लाख इकतालीस हजार पाॅंच सौ इक्कईस रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ तथा विद्युत के 30 प्री-लिटिगेशन प्रकरणों का निराकरण किया गया जिसमें पांच लाख चैहत्तर हजार रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। नेशनल लोक अदालत में सढसठ लाख छियासठ हजार दो सौ इकसठ रूपये के चेक बाउंस के 32 प्रकरणों का निराकरण किया गया। नेशनल लोक अदालत में 147 आपराधिक राजीनामा योग्य प्रकरणों, 17 वैवाहिक प्रकरणों, 29 सिविल प्रकरणों तथा 56 अन्य प्रकरणों का निराकरण सफलतापूर्वक किया गया। नेशनल लोक अदालत में बैंक वसूली के 88 प्रीलिटिगेशन जिसमें विभिन्न बैंकों को चौसठ लाख चार हजार पांच सौ बत्तीस रूपये की राशि प्राप्त हुई। नगरीय निकाय के अन्तर्गत जलकर कर के 174 प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिसमें नगरीय निकायों को लगभग एक लाख पचपन हजार सात सौ चैदाह रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ।