बेंगलुरु
कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के आज नतीजे आ रहे हैं. 8 बजे से वोटों की गिनती जारी है. रुझानों में कांग्रेस को बहुमत मिलता दिख रहा है. पार्टी 120 से ज्यादा सीटों पर आगे है. वहीं, बीजेपी 68 सीटों पर आगे है. जबकि जेडीएस तीसरे नंबर पर है. कांग्रेस ने बेंगलुरु के 5 स्टार हिल्टन होटल में 50 कमरे बुक किए हैं. जीते हुए विधायकों को रात 8 बजे तक होटल में पहुंचने के लिए कहा गया है. कल कांग्रेस विधायक दल की बैठक होगी. 10 मई को कर्नाटक की 224 सीटों पर मतदान हुआ था. आजतक-एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल में भी कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलने की संभावना जताई गई थी.
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, मोदी जी ने तानाशाही कर भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलने पर राहुल गांधी की सदस्यता रद्द कर दी थी. आज उसी भ्रष्टाचार के चलते कर्नाटक की जनता ने उन्हें राज्य से निकाल दिया. इससे साबित हो गया है सत्ताधारी नहीं आम जनता तय करती है कि सत्ता किसके हाथ में जाएगी.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने विधानसभा चुनाव में हार मान ली है, हालांकि शनिवार को चुनाव परिणामों की अंतिम घोषणा का इंतजार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी 2024 के लोकसभा चुनाव में वापसी करेगी।
उन्होंने कहा, हम लोकसभा चुनाव में वापसी करेंगे।
हावेरी में संवाददाताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा, हमारे प्रधानमंत्री से लेकर कार्यकर्ताओं तक सभी के द्वारा किए गए बहुत प्रयासों के बावजूद हम चुनाव में अपनी छाप नहीं छोड़ पाए। कांग्रेस छाप छोड़ने में सफल रही। परिणाम घोषित होने के बाद हम विश्लेषण के लिए बैठेंगे। एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल के रूप में, हम अंतराल और कमियों का विश्लेषण और पहचान करेंगे और उनमें सुधार करेंगे।
सीएम बोम्मई ने कहा, हम इस नतीजे को सकारात्मक रुप से लेंगे और पार्टी को पुनर्गठित करेंगे, ताकि लोकसभा चुनाव में वापसी कर सके।
बेंगलुरु के रिसॉर्ट में शिफ्ट किए जाएंगे कांग्रेस विधायक
कर्नाटक में कांग्रेस खेमे में जश्न शुरू हो गया है। वहीं पार्टी सभी विजयी उम्मीदवारों को शनिवार को बेंगलुरु के बाहरी इलाके में एक रिसॉर्ट में इकट्टा करने की योजना बना रही है। कांग्रेस कर्नाटक विधानसभा में बहुमत हासिल करने और नई सरकार बनाने के लिए तैयार है। कांग्रेस की जीत का जश्न मनाने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए हैं। पार्टी ने प्रमुख बढ़त हासिल करने वाले और अपनी जीत हासिल करने वाले सभी उम्मीदवारों से शनिवार रात तक बेंगलुरु पहुंचने और रिजॉर्ट में शिफ्ट होने को कहा है।
जमानत जब्त का क्या होता है मतलब?
चुनाव के दौरान उम्मीदवारों से कुछ जमानत की रकम जमा करना को कहा जाता है। यह राष्ट्रपति चुनाव से लेकर पंचायत चुनाव तक जमा करने को कहा जाता है। चुनाव में किसी भी उम्मीदवार को अपनी जमानत बचाने के लिए कुल मतों का 6वां हिस्सा प्राप्त करना होता है। अगर उम्मीदवार इतने वोट प्राप्त नहीं कर पाता है तो जमानत जब्त हो जाती है। उदाहरण के तौर पर समझें तो किसी सीट पर 1 लाख मतदाता हैं और जमानत बचाने के लिए 16,666 वोटों की जरूरत होगी। अगर किसी प्रत्याशी को इससे कम वोट मिलते हैं तो उसकी जमानत जब्त हो जाएगी
किस चुनाव में कितनी राशि?
अलग-अलग चुनाव जमानत राशि भी अलग होती है। जहां राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए जमानत राशि 15 हजार रुपये होती है तो वहीं लोकसभा चुनाव के लिए सामान्य वर्ग के उम्मीदवार को 25 हजार रुपये बतौर जमानत राशि जमा करानी होती है, वहीं विधानसभा चुनाव के लिए ये राशि 10 हजार रुपये होती है। हालांकि एससी और एसटी वर्ग के उम्मीदारों के लिए लोकसभा चुनाव में साढ़े 12 हजार और विधानसभा चुनाव के लिए पांच हजार रुपए बतौर जमानत जमा करने पड़ते हैं।
कब बचती है जमानत राशि
अगर किसी उम्मीदवार का नामांकन चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया है तो उसकी जमानत राशि चुनाव आयोग वापस कर देता है। इसके अलावा कई और वजहों से भी उम्मीदवार को उसकी जमानत राशि वापस कर दी जाती है। अगर प्रत्याशी निर्धारित समय में अपना नामांकन वापस ले लेता है तो उसकी जमानत राशि वापस कर दी जाती है। इतना ही नहीं वोटिंग से पहले किसी प्रत्याशी का निधन होने के बाद उसके परिजन जमानत राशि के लिए दावा कर सकते हैं। वहीं अगर प्रत्याशी कुल वोटों का 6वां हिस्सा प्राप्त कर ले भले ही चुनाव में उसे जीत ना मिले तो भी उसकी राशि वापस कर दी जाती है। इतना ही नहीं अगर किसी प्रत्याशी को कुल वोटों का 6वां हिस्सा नहीं मिला है लेकिन इसके बाद भी वह चुनाव जीत चुका है तो उसे जमानत राशि लौटा दी जाएगी।