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भारत में बिक्री की विशाल संभावनाएं : बोइंग

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नई दिल्ली
विमानन कंपनी गो फर्स्ट के संकट में फंसने के बीच अमेरिकी विमान विनिर्माता बोइंग ने  कहा कि वह मसले को हल करने के लिए हितधारकों के साथ मिलकर काम करेगी।

बोइंग कमर्शियल एयरप्लेन्स के उपाध्यक्ष (भारत में वाणिज्यिक बिक्री एवं विपणन) रेयान वीर ने साथ ही कहा कि भारत में बिक्री की विशाल संभावनाएं हैं। इससे पहले पट्टेदारों ने राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के गो फर्स्ट की परिसंपत्तियों पर रोक लगाने के बारे में चिंता जताई थी। ऐसे में एयरलाइन द्वारा पट्टे पर लिए गए विमानों के पंजीकरण को रद्द करने पर भी रोक लग गई थी।

गो फर्स्ट संकट और पट्टेदारों की चिंताओं पर एक सवाल के जवाब में वीर ने कहा कि कंपनी हितधारकों के साथ मिलकर काम कर रही है और ”मुद्दों को सुलझाने के लिए अपनी तरफ से सर्वोत्तम प्रयास करेगी।” उन्होंने कहा, ”हम नहीं जानते कि इसका क्या असर होने वाला है।”

भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते विमानन बाजारों में शामिल है। इस साल की शुरुआत में बोइंग ने अनुमान लगाया था कि भारत को अगले दो दशकों में लगभग 2,210 नये विमानों की जरूरत होगी।

सुंदरम होम फाइनेंस को वृद्धि जारी रहने का विश्वास

 सुंदरम होम फाइनेंस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने  कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र में मांग सकारात्मक बनी हुई है और कंपनी चालू वित्त वर्ष में अपनी वृद्धि जारी रखेगी।

गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी सुंदरम फाइनेंस लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी ने 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष 2022-23 की चौथी तिमाही में 65.68 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की समान अवधि के 53.05 करोड़ रुपये से 23.8 प्रतिशत ज्यादा है। कंपनी का कर्ज वितरण जनवरी-मार्च, 2022 के 794.08 करोड़ रुपये से बढ़कर मार्च, 2022 तिमाही में 1,222.46 करोड़ रुपये हो गया।

सुंदरम होम फाइनेंस के प्रबंध निदेशक (एमडी) लक्ष्मीनारायण दुरईस्वामी ने कहा, “रियल एस्टेट क्षेत्र में मांग सकारात्मक बनी हुई है। हमें चालू वित्त वर्ष में भी वृद्धि जारी रहने का पूरा विश्वास है। हमारी वृद्धि अब तीसरी एवं चौथी श्रेणी के कस्बों से आएगी।”

कंपनी का शुद्ध लाभ पूरे वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बढ़कर 215.81 करोड़ रुपये हो गया, जो इससे पिछले वर्ष में 167.70 करोड़ रुपये था। पूरे वित्त वर्ष में कर्ज वितरण बढ़कर 3,976.41 करोड़ रुपये हो गया जो इससे पिछले वर्ष में 2,336.49 करोड़ रुपये था।