कर्नाटक
कांग्रेस को कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत मिलने की उम्मीद है। पार्टी का कहना है कि सरकार बनाने के लिए किसी के समर्थन की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। इसके बावजूद पार्टी प्लान-बी तैयार करने में जुटी है। ताकि, जरूरत पड़ने पर अमल किया जा सके। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में बेंगलुरु में प्रदेश कांग्रेस के तमाम वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई। बैठक में हर विधानसभा सीट से मिले फीडबैक और भविष्य की रणनीति पर चर्चा हुई। बैठक के बाद सभी नेता जीत को लेकर आश्वस्त नजर आए।
कांग्रेस महासचिव और प्रदेश प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा कर्नाटक में अपनी हार स्वीकार कर चुकी है। चुनाव परिणाम के बाद पार्टी सरकार बनाएगी और हम कर्नाटक के लोगों की सेवा करेंगे। इस दावे के बावजूद पार्टी प्लान बी पर भी काम कर रही है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, हमें पूरा यकीन है कि चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद किसी के समर्थन की आवश्यकता नहीं होगी। इसके बावजूद एहतियात के तौर पर पार्टी ने जेडीएस के साथ चर्चा के विकल्प खुले रखे हैं। वहीं, कई उम्मीदवारों के भी संपर्क में हैं।
सूत्रों का कहना है कि वर्ष 2019 में कांग्रेस और जेडीएस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले विधायकों के साथ संपर्क में हैं। इनमें से कई विधायकों को भाजपा ने इस बार अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं, निर्दलीय और छोटी पार्टियों से भी कांग्रेस लगातार संपर्क में हैं।
जेडीएस प्रदेश अध्यक्ष सीएम इब्राहिम के मुताबिक, हम चुनाव परिणामों का इंतजार कर रहे हैं। परिणाम घोषित होने के बाद हम कोई निर्णय लेंगे। उन्होंने पार्टी नेता तनवीर अहमद के इन दावों को खारिज कर दिया कि जरूरत पड़ने पर जेडीएस भाजपा का साथ देगी। कांग्रेस चुनाव परिणाम के फौरन बाद विधायकों के टूटने की संभावनाओं को खारिज कर रही है, पर उसका कहना है कि स्थिति का आकलन कर निर्णय लिया जाएगा। पूर्ण बहुमत नहीं मिलने की सूरत में विधायकों को छत्तीसगढ़ या राजस्थान भी शिफ्ट किया जा सकता है।