नई दिल्ली
रेलवे बोर्ड से हरी झंडी मिलने के बाद बेबी बर्थ की बुकिंग महिला यात्री ऑनलाइन करा सकेंगी। इसके लिए रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र (क्रिस) के सॉफ्टवेयर में बदलाव किया जाएगा। रेलवे सभी ट्रेनों में बगैर किसी निवेश के बेबी बर्थ की सुविधा शुरू करने जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि कंपनी ने इस सुविधा को शुरू करने के लिए खुद निवेश करने का प्रस्ताव दिया है। कंपनी इसके एवज में ट्रेनों में अपना प्रचार करेगी। बता दें कंपनी ने ही ट्रेन में बेबी बर्थ की सुविधा शुरू करने का प्रस्ताव दिया था, जिसे रेलवे ने मान लिया है।
बता दें रेलवे पांच से 12 साल के बच्चे का पूरा किराया लेती है। पहले यह किराया का 50 फीसदी था। इसलिए रेलवे बेबी बर्थ की सुविधा फ्री में नहीं देगी। बतातें हैं कि बेबी बर्थ लेने वाली महिला यात्री से 50 फीसदी अधिक किराया देना पड़ सकता है। हालांकि इस पर अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है। रेलवे बोर्ड से हरी झडी मिलने के बाद बेबी बर्थ की बुकिंग महिला यात्री ऑनलाइन करा सकेंगी। इसके लिए रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र (क्रिस) के सॉफ्टवेयर में बदलाव किया जाएगा। टिकट बुकिंग करते हुए महिला यात्री बेबी बर्थ की बुकिंग कर सकेंगी।
एक साल पहले लखनऊ मेल से हुई शुरुआत
एक साल पहले लखनऊ मेल में शुरू की गई बेबी बर्थ की सुविधा को रेल यात्रियों ने अधिक सुरक्षित बनाने का सुझाव दिया है। इसके साथ ही इसकी डिजाइन में बदलाव करने की मांग की गई है, जिससे आम रेल यात्री को अपना सामान रखने और आवाजाही में असुविधा नहीं हो। रेलवे बोर्ड ने यात्रियों के सुझाव को मानते हुए बेबी बर्थ में बदलाव करने का फैसला किया है, जिससे सभी ट्रेनों के एसी-3 में कम से कम दो बेबी बर्थ की सुविधा का विस्तार किया जा सके। रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लखनऊ-दिल्ली के बीच चलने वाली सुपरफास्ट ट्रेन लखनऊ मेल के एसी-3 कोच में निचली बर्थ संख्या 12 और 60 के साथ बेबी बर्थ की सुविधा शुरू की थी। इसकी लंबाई 770 मिली मीटर, चौड़ाई 255 मिली मीटर और मोटाई 76.2 मिलीमीटर है। इसका मकसद शिशु के साथ सफर करने वाली महिलाओं को सुविधा प्रदान करना है।
बेबी बर्थ को मोड़कर मुख्य बर्थ के नीचे करने की होगी सुविधा अधिकारी ने बताया कि बेबी बर्थ के उपयोग नहीं होने अथवा दिन के समय में इसको मोड़कर मुख्य बर्थ के नीचे किया जा सकेगा, जिससे कंपार्टमेंट में दूसरे यात्रियों को परशानी नहीं होगी। उन्होंने बताया कि रेल यात्रियों ने बेबी बर्थ को चारो ओर से कवर करने का सुझाव दिया है। इसके साथ ही मिडल और अपर बर्थ से किसी सामने के गिरने की स्थिति में शिशु को हानि नहीं पहुंचे इसके लिए भी पर्याप्त उपाय करने की मांग हुई है।
सामान रखने में दिक्कत
रेल यात्रियों ने कहा कि वर्तमान में बेबी बर्थ को मुख्य बर्थ के नीचे मोड़ने का प्रावधान है। इससे सामान रखने में दिक्कत होती है। इसलिए बेबी बर्थ की डिजाइन में बदलाव करने की जरूरत है। मोड़ने के बजाए स्लाइट तकनीक से बेबी बर्थ को मुख्य बर्थ के नीचे करना चाहिए। अधिकारी ने बताया कि रेलवे बोर्ड यात्रियों के सुझाव को शामिल करने पर विचार कर रहा है। इसके पश्चात सभी मेल-एक्सप्रेस और प्रीमियम ट्रेनों में बेबी बर्थ का प्रावधान करने पर अंतिम फैसला किया जाएगा।