इंदौर
इंदौर के जमीन कारोबारी सुरेंद्र संघवी, दीपक जैन मद्दा और मनीष के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी जांच के लिए पहुंचे हैं। गुरुवार सुबह से कार्रवाई शुरू हुई। इधर मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन में पदस्थ सब इंजीनियर हेमा मीणा पर लोकायुक्त ने छापा मारा। मीणा के पास आय से 232% अधिक संपत्ति मिलने की जानकारी है।
प्रदेश में गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय यानि ईडी और लोकायुक्त ने अलग-अलग स्थानों पर भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। ईडी ने इंदौर में जमीन कारोबार से जुड़े बड़े कारोबारी सुरेंद्र संघवी, दीपक मद्दा और मनीष के ठिकानों पर छापेमारी की।
गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर में आयकर विभाग ने भी सुरेंद्र संघवी पर छापे मारे थे। आय छिपाने और कर चोरी की आशंका में विभाग की टीमों ने रियल एस्टेट कारोबार से जुड़े सुरेंद्र संघवी और ‘लाभम ग्रुप’ के प्रमुख सुमित मंत्री के ठिकानों पर दबिश दी थी। सुरेंद्र संघवी की गिनती शहर के बड़े बिल्डरों में होती है। दूसरी ओर रायसेन के ढकना-चपना गांव में लोकायुक्त ने कार्रवाई की। लोकायुक्त को पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन में पदस्थ महिला सब इंस्पेक्टर हेमा मीणा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति होने की शिकायत मिली थी। इसके बाद यह कार्रवाई की गई। जानकारी के मुताबिक सब इंजीनियर के पास करोड़ों की संपत्ति मिली है।
हेमा के पास आय से 232% संपत्ति, फार्म हाउस में दर्जनों कमरे, 100 से ज्यादा ताले
इधर, महज तीस हजार रुपए का प्रतिमाह वेतन पाने वाली मध्य प्रदेश पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन में पदस्थ सब इंजीनियर हेमा मीणा करोड़ों की आसामी निकली। लोकायुक्त पुलिस ने आज उनके भोपाल और रायसेन जिले के ढकना-चपना स्थित गांव में छापे मारे। छापे में आय से 232 प्रतिशत अधिक सम्पत्ति मिली है। लोकायुक्त पुलिस उनके दफ्तर पर भी सर्च कर रही है। लोकायुक्त छापे में खुलासा हुआ है कि हेमा मीणा ने भोपाल के बिलखिरिया में बीस हजार वर्ग फीट भूमि अपने पिता राम स्वरुप मीणा के नाम पर खरीदी थी। इस जमीन पर करीब एक करोड़ रुपए की लागत से फार्म हाउस बनाया। इसके साथ ही रायसेन जिले के ढकना-चपना में भी कृषि भूमि क्रय की। हेमा मीणा के भोपाल और रायसेन स्थिति फार्म हाउस में दर्जनों कमरे बने हुए हैं। भोपाल का फार्म हाउस में भी तीन दर्जन से ज्यादा कमरे और हाल बने हुए हैं। मीणा के फार्म हाउस से लाखों रुपए की एक टीवी भी मिली है। इसकी कीमत को लेकर हालांकि संशय बना हुआ है। बताया जा रहा है कि टीवी 30 लाख रुपए की है। खबर लिखे जाने तक सात करोड़ की संपत्ति का खुलासा हो चुका था।
सुरेंद्र संघवी के खिलाफ मिले हैं मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत?
सुरेंद्र संघवी के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी जांच के लिए पहुंचे हैं। गुरुवार सुबह से कार्रवाई शुरू हुई। सूत्रों के अनुसार, कनाड़िया रोड स्थित संघवी के घर पर भोपाल और दिल्ली ईडी टीम के अधिकारी जांच में जुटे हैं। संघवी जमीन के कारोबार से जुड़े हैं। माना जा रहा है जमीन के कारोबार में मनी लांड्रिंग के सबूत मिलने के बाद ईडी इस जांच में शामिल हुआ है और सबूत इकट्टे करने संघवी के घर पहुंचा है। शहर में तमाम कालोनियां सुरेंद्र संघवी द्वारा काटी गई हैं। सूत्रों के अनुसार ईडी की ताजा कार्रवाई जमीन के काले कारोबार से जुड़ी बताई जा रही है।
ईडी की टीमें शहर के कुछ अन्य जमीन कारोबारियों के ठिकाने पर भी पहुंची है। इसमें दीपक जैन मद्दा और मनीष का नाम भी सामने आ रहा है। इनमें से कुछ लोगों के नाम प्रशासन की भूमाफियाओं की सूची में भी शामिल रहे हैं। माना जा रहा है कि जमीन के खेल में काले धन की लिंक और मनी लांड्रिंग के सबूत मिलने पर ईडी ने कार्रवाई शुरू की है। आज सुबह दो गाड़ियों में पुलिस जवानों के साथ ईडी के अधिकारी संघवी के बिचौली स्थित प्रगति पार्क के बंगले पर पहुंचे। दरअसल दो साल पहले जब भूमाफियाओं के खिलाफ फिर से अभियान चला तब तत्कालीन कलेक्टर मनीष सिंह ने सुरेन्द्र संघवी, दीपक मद्दा सहित अन्य भूमाफियाओं के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई थी, वहीं पिछले दिनों कल्पतरु गृह निर्माण संस्था में लगभग 5 करोड़ रुपए की राशि अपने निजी खातों में जमा कर लेने के चलते पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दीपक मद्दा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया और नतीजतन वह अभी जेल में ही है। जबकि अन्य प्रकरणों में उसने जमानत हासिल कर ली थी।
डायमंड गृह निर्माण, कल्पतरु, पार्श्वनाथ, देवी अहिल्या सहित कई जमीनों में हेराफेरी
दरअसल संघवी और दीपक जैन मद्दा डायमंड गृह निर्माण, कल्पतरु, पार्श्वनाथ, देवी अहिल्या सहित अन्य तमाम संस्थाओं की जमीनों की हेरा-फेरी में साथ रहे। वहीं दीपक मद्दा ने देवी अहिल्या की ही जमीन त्रिशला गृह निर्माण संस्था में ट्रांसफर कर पहले दीपक मद्दा ने हड़प ली और बाद में उसे मनीष सहारा को दे दिया। हालांकि इस जमीन को प्रशासन ने सीलिंग एक्ट के दुरुपयोग के चलते सरकारी भी घोषित कर दी, लेकिन उस पर अभी हाईकोर्ट स्टे चल रहा है।
प्रशासन ने लगभग 15 एकड़ जमीन नगर निगम को हॉकर्स झोन के लिए सौंप दी थी। इसी तरह सूर्या गृह निर्माण सहित अन्य जमीनों की जांच में करोड़ों रुपए के कालेधन, मनी लॉन्ड्रिंग के प्रकरण भी सामने आए हैं। संघवी और मनीष सहारा ने कुछ समय पूर्व खंडवा रोड पर प्रिंस मास्टर की 50 से 60 एकड़ जमीन पर कॉलोनी काटी थी। वहीं रुचि सोया के मामले में भी पूर्व में मनी लॉन्ड्रिंग की शिकायतें हुई थी।