असम
गोद लिए हुए बच्चे के माता-पिता बनें एक दंपत्ति का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। दरअसल, असम के गुवाहटी में एक दपंत्ति ने गोद ली हुई बच्ची को इतनी दर्दनाक यातनाएं दी कि देखने वाले की रूहं कांप उठे। वहीं मौके पर गुवाहाटी पुलिस ने इस दंपति को गिरफ्तार किया है। इस मामले जानकारी देते हुए ADCP सेंट्रल गुवाहाटी नंदिनी काकती ने बताया कि एक 4 वर्ष की बच्ची को उसके गोद लिए हुए माता-पिता ने छत पर बांध कर रखा था। हालां कि बच्ची को रेस्क्यू किया गया है और इस मासूम बच्ची के शरीर पर जलने के कई निशान और चोटें पाई गई है जिसके शरीर पर निशान भी मौजूद है। जानकारी के मुताबिक इस दपंत्ति ने बच्ची को बुरी तरह टॉर्चर किया था। वहीं अब माता-पिता को गिरफ़्तार कर लिया गाया है और आगे की कार्रवाई जारी है।
वहीं, पुलिस ने जब बच्ची को बरामद किया तो उसके पूरे शरीर पर चोट के निशान थे। पलटन बाजार में एक एनजीओ की शिकायत के आधार पर, पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की और आरोपी पर आईपीसी की धारा 193 और किशोर न्याय अधिनियम के तहत आरोप लगाया। 6 मई को नाबालिग लड़की को गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां चिकित्सा विशेषज्ञों की एक टीम ने उसकी जांच की। रिपोर्ट से पता चला कि नाबालिग के गुप्तांगों सहित पूरे शरीर पर चोट के निशान थे और यौन उत्पीड़न के सबूत थे। पुलिस ने मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर आरोपी के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।
पुलिस ने नौकरानी लखी राय को भी गिरफ्तार कर लिया है और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। तीसरा आरोपी डॉ. संगीता फरार थी, लेकिन बाद में गुवाहाटी पुलिस की एक टीम ने खानापारा से उसे गिरफ्तार कर लिया। उसे अदालत में भी पेश किया गया और पांच दिनों के लिए पुलिस हिरासत में ले लिया गया। जांच के दौरान, पुलिस को दंपति के घर में दो अन्य बच्चे, एक 11 वर्षीय बेटी और दो अन्य बच्चे, एक लड़का और एक लड़की मिले। हालांकि, पुलिस जांच से पता चला कि दंपति उनके जैविक माता-पिता नहीं हैं, और वे अभी भी जांच कर रहे हैं कि दंपति को ये बच्चे कैसे मिले।
आयुक्त बोरा ने जनता को आश्वासन दिया कि वे नाबालिग लड़की को उचित चिकित्सा मिल रही है और जीएमसी की एक विशेषज्ञ टीम द्वारा उसकी निगरानी की जा रही है। पुलिस ने लड़की और उसके भाई की देखभाल के लिए बाल कल्याण समिति से भी संपर्क किया है।